भू जल व किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए मान सरकार का बड़ा कदम, शुरू की यह योजना

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 15 May, 2025 07:50 PM

this scheme was launched to increase ground water and farmers  income

पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य के कीमती भूजल को 15-20% तक बचाने के लिए एक और ठोस कदम उठाते हुए आज गुरुवार को डायरेक्ट सोइंग ऑफ राइस (डीएसआर) योजना की शुरुआत की। यह तकनीक भूजल के लगातार घटते स्तर को रोकने में मददगार साबित...

चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य के कीमती भूजल को 15-20% तक बचाने के लिए एक और ठोस कदम उठाते हुए आज गुरुवार को डायरेक्ट सोइंग ऑफ राइस (डीएसआर) योजना की शुरुआत की। यह तकनीक भूजल के लगातार घटते स्तर को रोकने में मददगार साबित होगी और साथ ही किसानों की आमदनी को भी बढ़ावा देगी।

मुख्यमंत्री ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि उनके कार्यभार संभालने के बाद से ही सरकार किसानों के हित में कई ऐतिहासिक पहल कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए राज्य सरकार ने धान की डीएसआर तकनीक को प्रोत्साहित किया है, जिसके तहत आज (गुरुवार) से बुआई शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बताया कि इस खरीफ सीजन में सरकार का लक्ष्य पांच लाख एकड़ भूमि को डीएसआर तकनीक के अंतर्गत लाने का है।

मुख्यमंत्री ने किसानों से इस योजना का अधिकतम लाभ उठाने की अपील करते हुए कहा कि यह पहल एक तरफ जहां पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ खेती को बढ़ावा देगी, वहीं दूसरी ओर भूजल संरक्षण में भी सहायक होगी। उन्होंने यह भी बताया कि डीएसआर अपनाने वाले किसानों को राज्य सरकार की ओर से प्रति एकड़ ₹1,500 की वित्तीय सहायता दी जा रही है। इसके लिए वर्ष 2025-26 के बजट में ₹40 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान 10 मई से 30 जून 2025 तक agrimachinerypb.com पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना न केवल 15-20% भूजल की बचत करेगी बल्कि खेती पर आने वाले अतिरिक्त खर्च को भी घटाएगी। उन्होंने बताया कि डीएसआर तकनीक राज्य के लिए एक वरदान है, क्योंकि इससे न केवल पानी की बचत होगी, बल्कि प्रति एकड़ ₹3,500 तक की मजदूरी लागत भी घटेगी। मुख्यमंत्री ने किसानों से इस योजना को अपनाने और अपनी मातृभूमि के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब ने देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई है, लेकिन इसके बदले में राज्य के मिट्टी और जल जैसे प्राकृतिक संसाधनों का अति-शोषण हुआ है। उन्होंने अफसोस जताया कि आज की तारीख में कृषि फायदे का सौदा नहीं रह गई है, क्योंकि किसान बढ़ती लागत और गैर-लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

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