Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Sep, 2017 10:13 AM
जबलपुर से ट्रेनिंग पूरी करके वापस घर आ रहे एक सैनिक के रेलगाड़ी से ही लापता होने से परिजन चिंतित हैं।
पठानकोट (आदित्य): जबलपुर से ट्रेनिंग पूरी करके वापस घर आ रहे एक सैनिक के रेलगाड़ी से ही लापता होने से परिजन चिंतित हैं।
उक्त सैनिक के पिता राजेन्द्र व पठानकोट में रिश्तेदार जगदीश चंद्र ने बताया कि विशाल खैरा निवासी गांव राजल जिला कांगड़ा पिछले वर्ष पालमपुर में सेना में भर्ती हुआ था। वह ट्रेनिंग हेतु जबलपुर गया हुआ था। 8 माह की ट्रेनिंग समाप्त करने के पश्चात विशाल 28 दिन की छुट्टी लेकर जबलपुर से घर हेतु 3 सितम्बर को रेलगाड़ी में सवार हुआ था।
बीच रास्ते में झांसी व ग्वालियर के पास उसने अपने एक अन्य सैनिक दोस्त के मोबाइल से उनके साथ बातचीत की तथा कहा था कि वह शीघ्र घर पहुंच जाएगा, लेकिन 2-3 बीत जाने के बाद भी जब वह घर नही पहुंचा।
उन्होंने कहा कि उनके बेटे विशाल को आज लापता हुए करीब 10 दिन बीत चुके हैं लेकिन उसका अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने जिस सैनिक के मोबाइल से अंतिम बार उनके साथ बातचीत की थी, वह बिलासपुर का रहना वाला है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने बेटे के साथ किसी प्रकार के हादसे को लेकर भी चिंता सता रही है।
उनके परिवार के कई सदस्य व रिश्तेदार विशाल को झांसी व ग्वालियर में तलाश कर रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद उसका कोई सुराग नहीं लग पा रहा है। विशाल को ढूंढने हेतु पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने केन्द्र सरकार व पुलिस उच्चाधिकारियों से मांग की कि देश की सेवा हेतु सेना में भर्ती हुए उनके लाडले को ढूंढने हेतु सहायता की जाए।
इस दौरान ग्वालियर में लापता फौजी को ढूंढने गए उसके परिजनों से फोन पर बातचीत हुई तो एक नई बात सामने आई है। उसके परिजनों ने बताया कि घर वापसी पर विशाल को शायद किसी ने ट्रेन में जहरखुरानी का शिकार बना कर उससे पैसे व सामान लूट लिया था। इसके चलते वह अपना मानसिक संतुलन खो चुका था ।
इसी हालत में उसकी कुछ युवकों के साथ 5 सितम्बर को कहा-सुनी भी हो गई थी जिसके बाद ग्वालियर व झांसी के बीच पड़ते रेलवे स्टेशन पर पुलिस की ओर से उसे पकड़ा गया था। यहां होश में नहीं होने के चलते उसकी पुलिस के साथ भी झड़प हुई थी। इसके बाद पुलिस की ओर से पहले उसे पुलिस थाने लाया गया था लेकिन बाद में जहर खुरानी के कारण उसकी हालत को देखते हुए ट्रेन पर बिठा दिया गया था, जिसके बाद से विशाल का कोई अता-पता नहीं है।