Edited By Sunita sarangal,Updated: 27 Sep, 2021 01:27 PM
पंजाब कैबिनेट के पुनर्गठन का जातीय समीकरण के आधार पर आकलन किया जाए तो उसमें हिन्दू मंत्रियों का अनुपात पहले से कम हो गया है।
लुधियाना (हितेश): पंजाब कैबिनेट के पुनर्गठन का जातीय समीकरण के आधार पर आकलन किया जाए तो उसमें हिन्दू मंत्रियों का अनुपात पहले से कम हो गया है। आपको बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा इस्तीफा देने के बाद कैबिनेट से तीन जाट सिख मंत्री राणा सोढ़ी, बलबीर सिद्धू, गुरप्रीत कांगड को हटाया गया है। एक पद नवजोत सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद से खाली पड़ा हुआ है। अब उनकी जगह जाट सिख मंत्री राणा गुरजीत सिंह, रनदीप नाभा, राजा वडिंग, गुरकीरत कोटली को शामिल कर लिया गया है।
इसी तरह बी.सी. वर्ग से संबंधित साधु सिंह धर्मसोत को हटाने के बाद बी.सी. समुदाय से आते संगत सिंह गिलजिया को मंत्री बनाया गया है। सुंदर शाम अरोड़ा को हटाने के बाद पैदा हुई एक हिन्दू मंत्री की कमी को पूरा नहीं किया गया है। पुराने हिन्दू मंत्रियों ओपी सोनी, ब्रह्म महिंद्रा, भारत भूषण आशु व विजय इंद्र सिंगला को बरकरार रखा गया है। कैप्टन की कैबिनेट में वाल्मीकि समाज के किसी सदस्य को जगह नहीं दी गई थी उसकी कमी को पूरा करने के लिए राज कुमार वेरका को शामिल किया गया है।
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