Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Oct, 2017 10:39 AM
होशियारपुर के मैहमदोवाल गांव के रहने वाले बलदेव सिंह ने वकील एडवोकेट मीनाक्षी पुरी की मौजूदगी में मीडिया को संबोधित करते हुए हैरानीजनक आरोप लगाया कि उसके बेटे को बहकाकर उसके अपने ही न सिर्फ उसकी जायदाद को हड़पना चाहते हैं। बल्कि अदालत में उसे मृत...
होशियारपुर (अमरेन्द्र): होशियारपुर के मैहमदोवाल गांव के रहने वाले बलदेव सिंह ने वकील एडवोकेट मीनाक्षी पुरी की मौजूदगी में मीडिया को संबोधित करते हुए हैरानीजनक आरोप लगाया कि उसके बेटे को बहकाकर उसके अपने ही न सिर्फ उसकी जायदाद को हड़पना चाहते हैं। बल्कि अदालत में उसे मृत तक घोषित कर दिया।
चब्बेवाल थाने के अधीन आते गांव मैहमदोवाल के रहने वाले बलदेव सिंह ने बताया कि संपत्ति विवाद को लेकर उसके ही विरोधी ने उसके बेटे कुलदीप के साथ मिलकर उसे जमीन से बेदखल करने के लिए 2 जून 2011 को अदालत में केस दायर कर दिया था। इस मामले में 22 सितम्बर 2016 को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) हरसिमरनजीत सिंह की अदालत ने उसके पक्ष में फैसला सुना दिया।
अदालत के इस फैसले के खिलाफ उसको विरोधी ने फिर से उसके बेटे कुलदीप सिंह की तरफ से सैशन कोर्ट में 23 दिसम्बर को अपील दायर कर दी। अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश अमरपाल सिंह की अदालत ने 2 जनवरी 2014 के बाद अगली तारीख 20 फरवरी 2017 तय की थी। सम्मन नहीं मिलने की वजह से उन्हें तारीख की कोई जानकारी नहीं मिली।इसी दौरान 20 सितम्बर 2017 को जब वह किसी अन्य केस में अदालत पहुंचा तो साथ वाले अदालत की तरफ से जब उसका नाम पुकारा गया तो वह चौंक उठा। जब वह अपने वकील एडवोकेट मीनाक्षी पुरी के साथ अदालत पहुंचा तो देखा कि अदालती रिकार्ड में उसे 28 मार्च 2017 को मृत बताया गया है।
अगली सुनवाई 16 नवम्बर को
मीडिया को संबोधित करते हुए एडवोकेट मीनाक्षी पुरी ने कहा कि जिंदा रहते हुए बलदेव सिंह को करीब 6 माह तक अदालती रिकार्ड में मृत दिखाया गया है। यही नहीं अदालती रिकार्ड में बलदेव सिंह की मौत हो चुकी है वाले रिकार्ड में उसके गांव के ही लोगों ने सत्यापित करते हुए हस्ताक्षर भी किए हुए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 20 नवम्बर 2017 को होनी है। इस तरह की गलती किस स्तर पर व किसके इशारे पर हुई है पर सवाल उठना स्वाभाविक ही है।