Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Aug, 2017 01:20 PM
फिरोजपुर रोड स्थित फास्ट वे कंपनी से संबंधित माल पर अवैध निर्माण के आरोप में कार्रवाई करने का मामला दिन-ब-दिन पेचीदा होता जा रहा है। इसके तहत नगर निगम द्वारा जारी नोटिस में खामियां होने के मुद्दे पर भी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की अटकलें तेज हो गई...
लुधियाना (हितेश): फिरोजपुर रोड स्थित फास्ट वे कंपनी से संबंधित माल पर अवैध निर्माण के आरोप में कार्रवाई करने का मामला दिन-ब-दिन पेचीदा होता जा रहा है। इसके तहत नगर निगम द्वारा जारी नोटिस में खामियां होने के मुद्दे पर भी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की अटकलें तेज हो गई हैं।
इस मामले की मोनीटरिंग लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू खुद कर रहे हैं। पिछले शनिवार को उनके आदेशों के बावजूद निगम अफसरों ने मॉल की ऊपरी मंजिल पर नियमों से ज्यादा हुए निर्माण पर तुरंत एक्शन नहीं लिया। बल्कि रविवार को 2 बार मौके पर जाने के बावजूद खानापूर्ति को पहल दी और नोटिस देने के नाम पर बुधवार तक का समय निकाला। इस नोटिस के तहत ही मॉल प्रबंधकों को कोई कार्रवाई न होने बारे कोर्ट से राहत मिल गई है जिसकी गाज एस.टी.पी. पर पठानकोट में तबादला होने के रूप में गिर गई है।
अब लोकल बॉडीज विभाग का सारा जोर इस बात पर लगा हुआ है कि किसी तरह मॉल की ऊपरी मंजिल पर किसी मंजूरी के बगैर हुए अवैध निर्माण के हिस्से को तोड़ा या सील किया जाए। इसके तहत निगम की बिल्डिंग ब्रांच के अफसरों को लगातार कई दिनों से चंडीगढ़ बुलाया जा रहा है। इस दौरान सुबह से लेकर देर शाम तक रिकार्ड की स्क्रूटनी करते समय यह बात सामने आई है कि मॉल प्रबंधकों को कोर्ट से स्टे मिलने की वजह निगम द्वारा जारी नोटिस में तकनीकी खामियां होना भी है।
नोटिस में निगम द्वारा मंजूर नक्शे से एक मंजिल ज्यादा निर्माण होने की बात तो कही गई है। लेकिन अवैध निर्माण की जगह कमजोर स्ट्रक्चर को खाली करने से जुड़ी धारा लगाई गई। इसका फायदा उठाकर मॉल प्रबंधकों ने कोर्ट के सामने यह आधार बनाया कि उनके पास स्ट्रक्चर सेफ्टी सर्टीफिकेट मौजूद है। सूत्रों की माने तो सिद्धू द्वारा नोटिस की खामियों को भी मॉल प्रबंधकों की मदद के रूप में देखा है। जिसे लेकर अफसरों पर गाज गिर सकती है।
गुम फाइल के मामले में दर्ज हुए स्टाफ के बयान
मॉल प्रबंधकों ने निगम के खिलाफ कोर्ट में जो केस किया है, उसमें यह भी आधार बनाया गया है कि अवैध निर्माण के बदले उन्होंने 20 लाख की कम्पाऊंङ्क्षडग फीस जमा करवाई हुई है जबकि निगम द्वारा जारी नोटिस में मॉल की ऊपरी मंजिल पर हुए निर्माण को फलौर एरिया रेशों का उल्लंघन होने के कारण नॉन कम्पाऊंडेबल बताया गया है। जिसका खुलासा होने के बाद निगम अफसरों ने रसीद काटने से संबंधित फाइल गुम होने की बात कहकर केस दर्ज करने के लिए पुलिस को लिख दिया है। लेकिन सरकार इतने से संतुष्ट नहीं हुई। बल्कि उन अफसरों को छुट्टी वाले दिन चंडीगढ़ बुलाकर बयान दर्ज किए गए, जो रसीद काटने के समय यहां तैनात रहे थे।