राज्यपाल ने सलाहकारों की नियुक्ति संबंधी बिल वापस नहीं भेजा बल्कि कुछ स्पष्टीकरण मांगे

Edited By swetha,Updated: 26 Dec, 2019 08:43 AM

the governor did not send back the bill regarding appointment of advisors

पंजाब सरकार ने राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर द्वारा ‘द पंजाब स्टेट लैजिस्लेचर (प्रीवैंशन ऑफ डिस्क्वालीफिकेशन) संशोधन बिल-2019 वापस भेजने की रिपोर्टों से इंकार किया है।

चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब सरकार ने राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर द्वारा ‘द पंजाब स्टेट लैजिस्लेचर (प्रीवैंशन ऑफ डिस्क्वालीफिकेशन) संशोधन बिल-2019 वापस भेजने की रिपोर्टों से इंकार किया है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल ने बिल में कुछ स्पष्टीकरण मांगे हैं जो 6 विधायकों को मुख्यमंत्री के सलाहकार के तौर पर नियुक्ति के मामले में हितों के टकराव से संबंधित हैं। राज्यपाल का पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया गया है और अपेक्षित जवाब जल्द सौंप दिया जाएगा।

प्रवक्ता ने बताया कि नवम्बर में विधानसभा के विशेष सत्र दौरान बिल पास करने के बाद राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजा गया था। राज्यपाल ने बिल के विभिन्न उपबंधों और संबंधित मामलों में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा था। उन्होंने बताया कि संबंधित मंत्री/कार्यालयों को राज्यपाल के उठाए मामलों को स्पष्ट करने की हिदायत की गई है ताकि जल्द उपयुक्त जवाब सौंपा जा सके। 

राज्य सरकार ने सितम्बर में 4 विधायकों फरीदकोट से कुशलदीप सिंह ढिल्लों, गिद्दड़बाहा से अमरिंद्र सिंह राजा वडिंग, उड़मुड़ से संगत सिंह गिलजियां और अमृतसर दक्षिणी से इंद्रबीर सिंह बुलारिया को सलाहकार (राजनीतिक) जबकि फतेहगढ़ साहिब से विधायक कुलजीत सिंह नागरा को सलाहकार (योजना) कैबिनेट रैंक के रुतबे में नियुक्त किया था। इसी तरह अटारी से विधायक तरसेम सिंह डी.सी. को सलाहकार (योजना) राज्य मंत्री के रैंक में नियुक्त किया गया था। 

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