2 फाइनांस कमिश्नर देने वाले स्कूल की सार लेना भूली सरकार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Oct, 2017 08:44 AM

the finance minister who gave the summons of school

केंद्र तथा राज्य सरकार की तरफ से शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं मगर जिस स्कूल ने 2 राज्यों की सरकारों को फाइनांस कमिश्नर....

नकोदर (पाली): केंद्र तथा राज्य सरकार की तरफ से शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं मगर जिस स्कूल ने 2 राज्यों की सरकारों को फाइनांस कमिश्नर, आई.ए.एस. आफिसर दिए उस स्कूल की सार लेना पंजाब सरकार भूल गई है, ये स्कूल नकोदर में मेहतपुर रोड पर स्थित गवर्नमैंट सीनियर सैकेंडरी स्कूल है। यह स्कूल बुनियादी सुविधाओं से इतना वंचित है कि पंजाब सरकार के सारे दावे झूठे नजर आते हैं।

पंजाब केसरी टीम द्वारा इकट्ठी की गई जानकारी के अनुसार उक्त स्कूल की इमारत करीब 94 वर्ष पहले 1924 में बनी थी और आज इमारत खस्ताहालत होने के कारण दयनीय बनी हुई है। स्कूल की इमरात के एक हिस्से में बच्चों की क्लासें लगाई जाती हैं, पर उक्त इमारत के दूसरे हिस्से की छतें तथा पलस्तर गिरा हुआ है तथा दरवाजे टूटे हुए हैं, जिस कारण उक्त इमारत को असुरक्षित ऐलान किया हुआ है तथा स्कूल स्टाफ ने वहां पर बच्चों की क्लासें लगानी भी बंद कर दी हैं ताकि कोई दुर्घटना न हो।

सूत्र बताते हैं कि स्कूल की दयनीय हालत संबंधी मामला कई बार जिला शिक्षा विभाग तथा राजनीतिक नेताओं के ध्यान लाया गया परंतु फिर भी किसी द्वारा इस असुरक्षित इमारत को गिराकर नई इमारत बनाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। सरकार तथा विभाग की बेरुखी और इस स्कूल में बुनियादी ढांचे व अध्यापकों की कमी के कारण स्कूल से विद्यार्थियों का मोह भंग हो रहा है। विद्यार्थियों की गिनती हजारों से कम होकर सिर्फ 226 रह गई है।

स्कूल अपग्रेड पर सहूलियतों की कमी
पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने हाईकोर्ट के आदेशों पर 2016 में उक्त गवर्नमैंट सीनियर सैकेंडरी स्कूल लड़के को अपग्रेड किया था और इसमें 12वीं तक आर्ट्स ग्रुप की पढ़ाई शुरू होनी थी परंतु बिल्डिंग की दयनीय हालत, अन्य सहूलियतों तथा अध्यापकों की कमी कारण स्कूल में बच्चों को छठी से 11वीं तक ही पढ़ाया जा रहा है, जिससे ज्ञात होता है कि स्कूल को अपग्रेड करने के बाद शायद पंजाब सरकार के साथ-साथ शिक्षा विभाग भी स्कूल को सहूलियतें देना भूल गया।

स्कूल में गंदगी की भरमार
एक तरफ जहां देश को साफ-सुथरा रखने के लिए सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मुहिम चलाई जा रही है, वहीं उक्त स्कूल में सफाई का कोई नामोनिशान नहीं है। बाथरूम तथा पार्क बुरी हालत कारण नरक बना चुके हैं। बाथरूमों के दरवाजे टूटे हुए, टूटियां खराब तथा कई-कई फुट घास उगा पड़ा है। उक्त बुरे हालातों कारण विद्यार्थी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। 

क्या कहना है जिला शिक्षा अफसर
इस संबंधी जब जिला शिक्षा अफसर (सैकेंडरी) नीलम कुमारी से स्कूल में बुनियादी सहूलियतों की कमी, अध्यापकों के खाली पदों तथा असुरक्षित इमारत संबंधी बातचीत की तो उन्होंने कहा कि असुरक्षित इमारत की पड़ताल करवा कर इसको गिराने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे तथा अध्यापकों की कमी व अन्य बुनियादी सहूलियतों को पूरा करने के लिए हमारी पूरी कोशिश होगी कि इन मुश्किलों को जल्द से जल्द दूर किया जाए। 

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