Edited By swetha,Updated: 09 Aug, 2018 10:36 AM
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पंजाब में भाजपा, आर.एस.एस. व अन्य हिंदू संगठनों के नेताओं पर आतंकी हमला हो सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अन्य राज्यों के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा सरकारों और चंडीगढ़ प्रशासन को इस बाबत इनपुट जारी करते हुए अलर्ट रहने को...
चंडीगढ़ः स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पंजाब में भाजपा, आर.एस.एस. व अन्य हिंदू संगठनों के नेताओं पर आतंकी हमला हो सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अन्य राज्यों के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा सरकारों और चंडीगढ़ प्रशासन को इस बाबत इनपुट जारी करते हुए अलर्ट रहने को कहा है।
गृह मंत्रालय की और से 7 अगस्त को पंजाब सरकार को जारी किए गए अलर्ट में कहा गया है कि अंसार गश्त-उल-हिंद (ए.जी.एच.) नामक आतंकी संगठन स्वतंत्रा दिवस के मौके पर भाजपा, आर.एस.एस. और अन्य हिंदू संगठनों के नेताओं पर हमला करने की साजिश रच रहे हैं। जम्मू में गिरफ्तार किए गए ए.जी.एच. के आतंकी इरफान हसन वानी (21) से आरंभिक पूछताछ में हमले की साजिश का पता चला है। वानी के कब्जे से आठ हैंड ग्रेनेड बरामद हुए हैं, जिन्हें उसने दिल्ली पहुंचकर अपने साथियों को सौंपना था ताकि वे अलग-अलग स्थानों पर हमले कर सकें।
दूसरी ओर, इंटेलीजेंस ब्यूरो ने पंजाब सरकार को एक माह पहले से ही अलर्ट कर रखा है क्योंकि इंग्लैंड में होने वाले रेफरेंडम 20-20 को सफल बनाने के लिए पाकिस्तान से फंडिंग होने की सूचना मिली है। खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान इस मौके का फायदा उठाकर कट्टरपंथियों को पंजाब में अशांति फैलाने के लिए मदद कर सकता है।मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ बीते माह आई.बी. चीफ राजीव जैन की मुलाकात भी चंडीगढ़ में हुई थी। हालांकि इस मुलाकात का आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं किया गया, लेकिन इंटेलीजेंस सूत्रों के अनुसार दोनों के बीच सूबे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अहम बातचीत हुई, क्योंकि उसके बाद से पंजाब इंटेलीजेंस की टीमें भी ज्यादा सक्रिय हो गई हैं।
पंजाब में इन हिंदू नेताओं की हुई हत्याएं
इस बीच, गृह मंत्रालय के उक्त इनपुट के बाद राज्य सरकार ओर चौकस हो गई है क्योंकि सूबे में हिंदू नेताओं पर पिछले साल हमले की बड़ी वारदातों हो चुकी हैं। हालांकि उन वारदातों में विदेशों में छिपे सिख कट्टरपंथियों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आई.एस.आई. पर उंगली उठी थी लेकिन इस बार आतंकी हमले का खतरा पड़ोसी राज्य में घुसपैठ कर चुके नए आतंकी संगठन से हैं।
26 अप्रैल, 2016 : खन्ना में पंजाब शिवसेना के लेबर विंग के नेता दुर्गा प्रसाद गुप्ता की हत्या। पुलिस का दावा, सिख कट्टरपंथियों और पाकिस्तान की आईएसआई ने कराई हत्या। केस सीबीआई को सौंपा जा चुका है।
14 जनवरी, 2017 : लुधियाना के दुर्गा माता मंदिर के बाहर श्री हिंदू तख्त के जिला अध्यक्ष अमित शर्मा की हत्या। हत्यारों का अब तक पता नहीं।
6 अगस्त, 2017 : आरएसएस नेता ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आरएस गगनेजा की बाइक सवार दो अज्ञात हमलावरों द्वारा की गई फायरिंग के बाद 22 सितंबर को मौत। राज्य सरकार ने यह मामला सी.बी.आई. को सौंप दिया है
17 अक्तूबर, 2017 : लुधियना में बाइक सवार दो अज्ञात हमलावरों द्वारा आरएसएस नेता रविंदर गोसाईं की गोली मारकर हत्या।
30 अक्तूबर, 2017 : अमृतसर में हिंदू नेता विपिन शर्मा को दिनदहाड़े बाइक सवारों ने गोलियों से भून दिया।
50 से ज्यादा हिंदू नेताओं की सुरक्षा घटाई
पंजाब सरकार ने गत 11 जुलाई को एक बड़ा कदम उठाते हुए कई राजनीतिक नेताओं, धार्मिक नेताओं, गायकों व अन्य लोगों को उपलब्ध कराई गई वी.आई.पी. सुरक्षा में कटौती कर दी जबकि कुछ नेताओं से सुरक्षा पूरी तरह वापस ले ली। माननीयों को राज्य में उपलब्ध कराई गई सुरक्षा की समीक्षा के बाद राज्य पुलिस द्वारा की गई सिफारिश पर यह फैसला लिया गया था। इस फैसले के तहत राज्य में विभिन्न हिंदू संगठनों और शिव सेना के नाम से गठित अलग-अलग पार्टियों के करीब 50 नेताओं की सुरक्षा में कटौती की गई है।
इनमें हरीश सिंगला वाइस प्रेजीडेंट शिव सेना पटियाला, कमलेश भारद्वाज प्रेजीडेंट शिव सेना लुधियाना, सतपाल गोसाईं वाइस प्रेज़ीडेंट शिव सेना मंडी गोबिंदगढ़, सुमन गुप्ता प्रेजीडेंट शिव सेना हिंदुस्तान, अमित शर्मा शिव सेना मोहाली, सचिन घनौली जिला चेयरमैन शिव सेना पंजाब रोपड़, सुनील अरोड़ा प्रेजीडेंट आल इंडिया हिंदू शिव सेना के नाम प्रमुख हैं।