Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 May, 2017 02:58 PM
एशिया की सबसे बड़ी लोहा नगरी की ख्याति हासिल करने वाले मंडी गोबिंदगढ़ को अब इसका खमियाजा भी भुगतना पड़ रहा है। इस
मंडी गोबिंदगढ़ (मग्गो): एशिया की सबसे बड़ी लोहा नगरी की ख्याति हासिल करने वाले मंडी गोबिंदगढ़ को अब इसका खमियाजा भी भुगतना पड़ रहा है। इस शहर में स्थित औद्योगिक इकाइयों में चलने वाली भट्ठियों से निकलने वाली आग ने शहर का तापमान करीब एक डिग्री तक बढ़ा दिया है। यही कारण है कि जहां इस शहर के आसपास स्थित खन्ना, अमलोह, सरहिंद व फतेहगढ़ साहिब आदि का तापमान करीब 41-42 डिग्री है वहीं लोहा नगरी में आज का तापमान करीब 43 डिग्री रिकार्ड हुआ है।
गर्मी के कारण बाजार खाली
लोहा नगरी में जहां तापमान 43 डिग्री पर पहुंचने से सुबह करीब 11 बजे से ही गर्मी बढऩे लगती है तथा सायं करीब 6 बजे तक इसी तपिश के कारण बाजार इस कदर सूने हो जाते हैं कि जैसे गर्मी ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया हो। जिसका असर दुकानदारों पर भी पड़ रहा है।
भाखड़ा नहर का ले रहे सहारा
भले ही गर्मी के मौसम के दौरान नहरों आदि पर नहाने गए बच्चों के साथ होने वाले हादसों से बचाव के लिए जारी किए गए सरकारी आदेशों के चलते किसी को भी भाखड़ा नहर में नहाने की इजाजत नहीं है लेकिन इसके साथ ही भाखड़ा नहर से निकलने वाले रजबाहे में भी बीते लंबे समय से पानी न छोड़े जाने के कारण बच्चों को गर्मी से राहत पाने के लिए सरहिंद साइड स्थित भाखड़ा नहर में डुबकी लगाते हुए देखा जा सकता है। हालांकि इन बच्चों का मानना है कि वे तैराकी में निपुण हैं लेकिन फिर भी कभी भी किसी के साथ भी हादसा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। नहाते समय ये बच्चे आपस में शरारतें भी करते हैं जोकि अक्सर हादसों का कारण बनती हैं।
स्कूली बच्चों को भी आ रही परेशानी
भले ही गर्मी के कारण सरकार ने स्कूलों का समय करीब 12 बजे तक कर दिया है लेकिन फिर भी कई निजी स्कूल 1 बजे तक लगते हैं। स्कूलों में छुट्टी होने के समय गर्मी बेहद बढऩे के चलते स्कूली छात्र-छात्राओं व अध्यापकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है जिसका सबसे अधिक प्रभाव छोटे बच्चों पर पड़ता है जोकि गर्मी को सहन नहीं कर पाते हैं।