Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 May, 2017 11:38 AM
आप’ के भुलत्थ हलके के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने लगातार दूसरे दिन प्रैस कांफ्रैंस करके कांग्रेस के सीनियर नेता व कैबिनेट मंत्री राणा
जालंधर (बुलंद) : ‘आप’ के भुलत्थ हलके के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने लगातार दूसरे दिन प्रैस कांफ्रैंस करके कांग्रेस के सीनियर नेता व कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह द्वारा अपने रसोइए व अन्य कर्मचारियों के नाम से कथित रूप में ली रेत-बजरी की खदानों के मामले में नई अपडेशन देते हुए बताया कि आज उन्होंने चीफ डायरैक्टर विजीलैंस को सारे मामले की लिखित शिकायत दी है। उन्होंने उक्त अधिकारी से इसमें मनी लांड्रिंग, हवाला तथा राणा के मंत्री होते हुए किए गए भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
कैप्टन रंधावा राणा गुरजीत के बेहद करीबी
खैहरा ने कहा कि यह मुख्यमंत्री और विजीलैंस विभाग की नई इकाई का इम्तिहान है क्योंकि अकाली राज में तो विजीलैंस पटवारियों और मुंशियों पर ही कार्रवाई तक सीमित थी। इस केस से स्पष्ट हो जाएगा कि पंजाब का विजीलैंस विभाग आजाद है या फिर नेताओं के हाथ की कठपुतली है। उन्होंने कहा कि राणा ने इस मामले में अपने दिए बयानों में सारा केस साफ कर दिया है क्योंकि राणा ने कहा है कि जिनके नाम पर खदानें ली गई हैं ये कभी मेरे पास काम करते थे पर अब ये मेरे कर्मचारी नहीं हैं। अमित बहादुर व अन्य तो अब कैप्टन रंधावा के पास काम कर रहे हैं। खैहरा ने कहा कि कैप्टन रंधावा राणा गुरजीत के बेहद करीबी हैं। उन्होंने कहा कि राणा व रंधावा दोनों पीछे से बाजपुर से हैं व आपस में बिजनैस पार्टनर हैं। राणा ने अपने बयानों में सब कुछ माना है जिस कारण यह और भी जरूरी हो गया है कि इस मामले की जांच करवाई जाए जिससे कि पता चल सके कि अमित बहादुर व अन्य तीनों कर्मचारियों के पास खदानें खरीदने के लिए करोड़ों रुपए कहां से आए।
24 घंटे में केस की एक-एक परत खोलकर रख दूंगा
खैहरा ने कहा कि इस सारे मामले में पैसा चंडीगढ़ के सैक्टर-17 में किस व्यक्ति द्वारा किन 2 बैंकों के किन-किन खातों से घूमता हुआ इन चारों लोगों के पास पहुंचा और कैसे इन्होंने 52 करोड़ की खदानें खरीदीं इस सबके सारे सबूत मेरे पास हैं और आने वाले दिनों में मैं सारे सबूत मीडिया के सामने रखूंगा। उन्होंने कहा कि राणा को तुरंत अपने मंत्री पद से इस्तीफा देकर जांच का हिस्सा बनना चाहिए। खैहरा ने कहा कि मुझे एक दिन के लिए विजीलैंस की सारी पावर दी जाए तो मैं 24 घंटे में सारे केस की एक-एक परत खोलकर सामने रख दूंगा। राणा किसी भी धार्मिक स्थान पर खड़े होकर या अपनी मिल के कर्मचारियों के सामने खड़ा होकर कह दें कि इन खदानों के फर्जी अलाटमैंट मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है तो मैं सारे केस को यहीं छोड़ दूंगा। उन्होंने कहा कि एक ओर राणा कह रहे हैं कि कर्मचारियों का क्या है वे तो कुछ पैसों के लिए नौकरी छोड़ कहीं और जा सकते हैं तो फिर सवाल पैदा होता है कि जो नौकर 5-7 हजार के लिए मालिक बदल सकता है वह 13 करोड़ रुपए कैसे खदान के लिए एकमुश्त जमा करवा सकता है, इसकी जांच होनी चाहिए। इस मामले में ई.डी. को जांच के लिए एड. एच.सी. अरोड़ा ने भी शिकायत की है।