Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Sep, 2017 09:35 AM
आर्थिक तंगी के चलते खुदकुशियां करने वाले मोगा के किसानों के पीड़ित परिवारों की जमीनी हकीकत जानने के लिए आज पंजाब विधानसभा द्वारा बनाई गई कमेटी ने........
मोगा (ग्रोवर): आर्थिक तंगी के चलते खुदकुशियां करने वाले मोगा के किसानों व फरीदकोट के पीड़ित परिवारों की जमीनी हकीकत जानने के लिए आज पंजाब विधानसभा द्वारा बनाई गई कमेटी ने जिले के 5 किसानों के घरों का दौरा किया। कमेटी के चेयरमैन सुखविंदर सिंह सुख सरकारियां, कुलजीत सिंह नागरा, नत्थू राम व नाजर सिंह मानशाहिया सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों समक्ष अपने दुखों की व्यथा सुनाते हुए पीड़ित परिवारों के सदस्य भावुक हो गए।
जांच दौरान कमेटी सदस्य के समक्ष पीड़ित परिवारों की महिलाओं की आंखों में आंसू निकल आए जिस कारण कई स्थानों पर माहौल भावुक भी बन गया। कमेटी ने जगतार सिंह धल्लेके, वीरपाल सिंह मैहना, दविंदर सिंह बधनी खुर्द, मेजर सिंह तथा गुरजंट सिंह कोटला मेहर सिंह वाला के घरों का निरीक्षण किया।
पीड़ित परिवार आटा-दाल को तरसे
पीड़ितों के पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि वीरपाल सिंह ने 2015 तथा दविंदर सिंह ने 2016 दौरान आर्थिक तंगी के चलते लाखों का कर्जा वापस करने में असमर्थ होने पर खुदकुशी कर ली थी। सूत्र बताते हैं कि मोगा में गत 5 वर्षों दौरान 160 से अधिक किसानों ने खुदकुशी की है लेकिन इनमें कुछ किसान ऐसे भी हैं जिनकी अंतिम रस्मों से पहले पारिवारिक सदस्यों ने बनती जरूरी 174 की कार्रवाई नहीं करवाई।
कमेटी के दौरे को जिला प्रशासन ने रखा गुप्त
विधानसभा की कमेटी द्वारा कर्जे के कारण खुदकुशी करने वाले किसानों के घर के दौरे को जिला प्रशासन ने पूरी तरह से गुप्त रखा। इस मामले संबंधी जिला लोक संपर्क विभाग द्वारा मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी गई।
कर्जा मृतक किसान के नाम पर न होने से परिवार मुसीबत में
जानकारी के अनुसार सरकार पीड़ित परिवारों की आर्थिक सहायता तब ही करती है अगर खुदकुशी करने वाले व्यक्ति के नाम पर कर्जा हो लेकिन अधिकतर खुदकुशी करने वाले किसान ऐसे होते हैं जिनके पारिवारिक सदस्यों के नाम कर्जा होता है। जिसके कारण पीड़ित परिवार तमाम सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं। उनको मुआवजे की राशि तो क्या मिलनी है बल्कि वे तो सरकार की आटा-दाल सहित कई अन्य सहूलियतों से भी वंचित हैं।