Edited By Ajay Sharma,Updated: 03 Jun, 2021 08:45 PM
सोमवार को स्पीड लिमिट के साइन बोर्ड और जेब्रा लाइन का एस्टीमेट एमसी हाउस में यह कहकर पास ही नहीं किया गया कि ट्रैफिक पुलिस चालान करके पैसे लेती है, वही पैसे दे, या फिर प्रशासन का इंजीनियरिंग विभाग इसके पैसा दे। MC की फाइनेंसियल हालत वैसे ही खस्ता...
सोमवार को स्पीड लिमिट के साइन बोर्ड और जेब्रा लाइन का एस्टीमेट एमसी हाउस में यह कहकर पास ही नहीं किया गया कि ट्रैफिक पुलिस चालान करके पैसे लेती है, वही पैसे दे, या फिर प्रशासन का इंजीनियरिंग विभाग इसके पैसा दे। MC की फाइनेंसियल हालत वैसे ही खस्ता है। मामले में नगर निगम के मेयर रविकांत शर्मा का कहना है कि निगम की हालत अभी ठीक नहीं है, ना ही उनके पास पैसा है। यह सब ट्रैफिक पुलिस का काम है, जिसके चलते उनकी ओर से प्रशासन को पत्र लिखकर भेज दिया गया है।