Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Nov, 2017 03:01 PM
भले पराली को आग लगाने वालों का अपना अलग दुख हो, परंतु पराली की आग ने कई बेकसूरों के सपनों को आग लगा दी, बल्कि अनेक परिवारों को जिंदगी भर का दुख दे दिया।
बठिंडा(पंकेस): भले पराली को आग लगाने वालों का अपना अलग दुख हो, परंतु पराली की आग ने कई बेकसूरों के सपनों को आग लगा दी, बल्कि अनेक परिवारों को जिंदगी भर का दुख दे दिया।
रामपुरा फूल के 2 श्मशानघाटों में 6 जब चिताएं जलीं पूरा शहर शोक में था। सभी बाजार बंद हो गए । भुच्चो खुर्द के नजदीक हुए भयानक हादसे में बचे प्रत्यक्षदर्शी छात्र चरणजीत सिंह चन्नी ने बताया कि वह अपने 4-5 क्लासमेट्स के साथ रामपुरा से बठिंडा बस सर्विस की बस से आ रहा था। उक्त बस की पुल पर एक अन्य बस से टक्कर होने के कारण वह लोग व अन्य सवारियां बस से उतर गए। वह लोग बठिंडा जाने के लिए सड़क के किनारे खड़े होकर दूसरी बस का इंतजार करने लगे। इसी दौरान एक तेज रफ्तार टिप्पर उनकी ओर आता दिखाई दिया।
उसने अपने एक दोस्त को खींचकर एक ओर किया व भागकर जान बचाई लेकिन उक्त टिप्पर ने देखते ही देखते उसके बाकी दोस्तों को कुचल दिया। चरणजीत सिंह ने बताया कि उसने अपनी क्लासमेट प्रिया को जख्मी हालत में उठाकर सिविल अस्पताल पहुंचाया। उसने कहा कि सरकार को नाड़ को आग लगाने से पैदा हुई इस समस्या का समाधान करना चाहिए। उसने बताया कि पुल के ऊपर किसी प्रकार की लाइट या अलर्ट लाइट की व्यवस्था नहीं है। इसके साथ ही यहां पुलिस मुलाजिमों या एम्बुलैंस की तैनाती भी नहीं है। गौरतलब है कि इस दर्दनाक हादसे में कइयों ने अपनों को खोया है। बता दें गत दिवस भुच्चो खुर्द के नजदीक हुए भयानक हादसे में 8 छात्रों सहित 10 लोगों की मौत हो गई थी।
भुच्चो मंडी निवासी ईश्वर जिंदल पुत्र गोपाल कृष्ण डाक्टर बनने के लिए मैडीकल की पढ़ाई कर रहा था। परिवार को भी उम्मीद थी कि वह एक दिन जरूर उनका नाम रोशन करेगा, परंतु अभिभावकों का इकलौता पुत्र और बहन का इकलौता भाई उनको रोते हुए छोड़ गया। -ईश्वर जिंदल
रामपुरा निवासी खुशवीर कौर पुत्री जसविंद्र सिंह राजिंद्रा कालेज बङ्क्षठडा की मैडीकल छात्रा थी, जो अपने मन में डाक्टर बनने का सपना लेकर दुनिया से चली गई। -खुशवीर कौर
रामपुरा निवासी जसप्रीत कौर पुत्री रणजीत सिंह (पुलिस मुलाजिम) जो डी.ए.वी. कालेज बङ्क्षठडा में बी.कॉम. कर रही थी। उसकी इच्छा थी कि वह पढ़-लिखकर बैंक अधिकारी बने परंतु वाहेगुरु ने उसकी और उसके माता-पिता की इच्छा के विपरीत उसे अपने पास बुला लिया। - जसप्रीत कौर
रामपुरा निवासी लवप्रीत कौर पुत्री सरबन कुमार के सरकारी अधिकारी बनने का सपना तो पूरा भी हो चुका था, जिसने कुछ माह पहले फूड सप्लाई इंस्पैक्टर के तौर पर ज्वाइन किया था परंतु जिंदगी की डोर बीच में ही टूट गई।
-लवप्रीत कौर
रामपुरा निवासी विनोद कुमार पुत्र मुनीश कुमार भी डी.ए.वी. कालेज बङ्क्षठडा का बी.कॉम. का होनहार विद्यार्थी था। माता-पिता का सपना था कि उनका बेटा सी.ए. बनकर नाम रोशन करेगा, जिसको पूरा करने के लिए विनोद कुमार ने कमर कस रखी थी परंतु परमात्मा को यह मंजूर नहीं था। -विनोद कुमार
रामपुरा निवासी शिखा पुत्री दविंद्र कुमार भी राजिंद्रा कालेज बङ्क्षठडा की ही छात्रा थी। वह बी.ए. कर रही थी, जिसने आई.ए.एस. बनने का सपना देख रखा था, लेकिन उसके सपनों को किसी की नजर लग गई और वह हमेशा के लिए सपनों में चली गई। -शिखा
रामपुरा निवासी नैंसी गोयल पुत्री भूषण गोयल राजिंद्रा कालेज बङ्क्षठडा में बी.कॉम. भाग पहला की छात्रा थी। नैंसी का सपना सी.ए. बनना था लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था।
-नैंसी गोयल
लहराखाना निवासी मनप्रीत कौर पुत्री जगरूप सिंह आसमान में उडऩे और विदेश में पढऩे का सपना सजाए बैठी थी परंतु उसके सपनों की डोर बीच में ही टूट गई और वह बहुत दूर चली गई।
- मनप्रीत कौर