जल भंडार में सिल्ट भरने से पौंग बांध के अस्तित्व को बना खतरा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Oct, 2017 12:54 PM

silt in water

शिया के प्रसिद्ध पौंग बांध में सिल्ट भर जाने से इसके अस्तित्व को कथित रूप में खतरा पैदा हो गया है।

मुकेरियां(स.ह.): एशिया के प्रसिद्ध पौंग बांध में सिल्ट भर जाने से इसके अस्तित्व को कथित रूप में खतरा पैदा हो गया है। लगभग 46 वर्ष पूर्व इस बांध का निर्माण हुआ था। बांध निर्माण के समय 138 कुशल इंजीनियरों व श्रमिकों को बलिदान देना पड़ा था। ब्यास नदी पर स्थित उक्त महत्वपूर्ण प्रोजैक्ट तलवाड़ा से लगभग 10 किलोमीटर दूरी पर है। बांध की झील का नाम महाराणा प्रताप सागर झील है जिसकी लम्बाई 42 किलोमीटर, चौड़ाई 19 किलोमीटर तथा क्षेत्रफल 307 वर्ग किलोमीटर है। 

इस जल भंडार से 6 पन बिजली घरों से 396 मैगावाट विद्युत का प्रतिदिन उत्पादन होता है। बिजली घरों से डिस्चार्ज हुआ पानी शाह नहर बैराज में पड़ता है यहां से 37 किलोमीटर लम्बी मुकेरियां हाईडल नहर निकाली गई है जिस पर 4 पन बिजली घर अलग से स्थापित हैं जिनसे 207 मैगावाट प्रतिदिन विद्युत उत्पादन होता है। इस नगर का पानी टेरकियाना, ढिलवां, ब्यास, गोइंदवाल साहिब, हरीके हैडवक्र्स से होता हुआ राजस्थान के गंगानगर, हनुमानगढ़, सूरतगढ़ की भूमि को सिंचित करता है।

अवैध कृषि बनी प्रोजैक्ट क्षति का कारण  : बांध प्रोजैक्ट से पूर्व असंख्य गांवों की भूमि का अधिग्रहण करके विस्थापितों को धन के साथ-साथ राजस्थान में भूमि के बदले भूमि मुरब्बे के रूप में दी गई थी। मगर बांध निर्माण के पश्चात जल भंडार क्षेत्र के आसपास की भूमि पर विस्थापितों ने अवैध कृषि करनी आरम्भ कर दी। ट्रैक्टरों द्वारा खोदी गई भूम की मिट्टी जरा-सी वर्षा से जल भंडार में आ जाती है जिसने धीरे-धीरे सिल्ट का रूप धारण कर लिया है। दूसरी ओर पर्वतीय क्षेत्रों में हो रहे अवैध कटान के कारण भी सिल्ट का निरंतर आना जारी है।

ये हैं सिल्ट के नुक्सान
संवाददाताओं द्वारा झील के क्षेत्र धमेटा, फतेहपुर, नगरोटा, सूरियां, देहरा, गोपीपुर का भ्रमण करने पर लोगों ने बताया कि सिल्ट आने से प्रोजैक्ट की आयु कम हो रही है। कंट्रोल वॉल्व सिल्ट के कारण उचित शैली से कार्य नहीं कर रहे। जल भंडार की मात्रा का मापदंड जांचने में सिल्ट एक भारी बाधा बन चुकी है। अवैध कृषि में रसायनों के प्रयोग के कारण जल विषयुक्त हो रहा है जिससे मत्स्य वंश व पक्षियों पर खतरा मंडराता जा रहा है।

प्रशासनिक अधिकारी बने मूकदर्शक
जब इस गंभीर समस्या के प्रति संबंधित कार्यालय तलवाड़ा में सम्पर्क किया तो उन्होंने कोई उचित उत्तर व जानकारी देने की बजाय एक के बाद एक नम्बर देकर सम्पर्क करने को कहा। अंत में 5 फोन करने के बाद एक क्लर्क ने कहा कि इस मामले के प्रति अनेक स्थानों पर कृषि एक दंडनीय अपराध के सांकेतिक बोर्ड लगाए गए हैं। शिकायत आने पर बी.बी.एम.बी. की टीम तुरंत घटना स्थल पर पहुंचती है। अब तक कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ।

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