Edited By Vatika,Updated: 08 Jan, 2021 09:44 AM
केन्द्र द्वारा पारित कृषि कानूनों को वापस लिए जाने को लेकर डटे किसानों का रोष बढ़ता जा रहा है।
जालंधर(पुनीत): केन्द्र द्वारा पारित कृषि कानूनों को वापस लिए जाने को लेकर डटे किसानों का रोष बढ़ता जा रहा है। इस क्रम में किसानों द्वारा निकाले गए ट्रैक्टर मार्च पर नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट करके केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। शाम को साढ़े 6 बजे के करीब किए गए इस ट्वीट पर बड़ी तादाद में री-ट्वीट हुआ है और लोगों ने सिद्धू के ट्वीट को पसंद किया है। लोगों ने कहा कि अपने अधिकारों को वापस पाने के लिए आवाज उठाना गलत नहीं है।
वहीं अतुल पांडे ने इस पर रिप्लाई किया-शास्त्र में लिखा है कि तलवार आत्मरक्षा के लिए है न कि सिर्फ जान लेने के लिए। ट्रैक्टर खेतों के लिए हैं लेकिन जरूरत पडऩे पर एंबुलैंस और टैंकर दोनों बन सकते हैं। सही बात पर साथ और गलत पर विरोध होना शा सम्मत है। वहीं घनश्याम लिखते हैं कि टिकरी बार्डर से सिंघू बार्डर की ओर बढ़ा हजारों किसानों का काफिला। जब खेतों में चले तो सोना उगले, जब सड़कों पर चले तो दिल्ली का तख्त हिला दे। जय किसान। सिद्धू के इस ट्वीट पर लोगों ने ट्रैक्टर मार्च की फोटो भी शेयर की है जिसमें सड़कों पर लंबा मार्च दिखाई पड़ रहा है। कई तो लिखते हैं कि सरकार दिल बड़ा करे। 26 जनवरी को किसान को मुख्यातिथि बना दे।
सिद्धू का ट्वीट
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि खेतों में काम करने वाला ट्रैक्टर सड़कों पर उतर आया है और बैरीकेड खींच रहा है। ट्रैक्टर हमारी सफलता का प्रतीक है जोकि अब आक्रोश के रूप में एक पक्ष लेने वाली सरकार के खिलाफ चल रहे आंदोलन में इंजन का काम कर रहा है। ऐसी सरकार जिसने लोकतंत्र के मौलिक बुनियादी अधिकारों को कुचलने के काम को पारिभाषित किया है। हैश टैग, ट्रैक्टर मार्च दिल्ली।