Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Sep, 2017 10:25 AM
पंजाब की शिक्षा प्रणाली में सुधार करने के लिए सख्त फैसले ले रहे शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुमार ने मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह के............
पटियाला (राजेश, प्रतिभा) : पंजाब की शिक्षा प्रणाली में सुधार करने के लिए सख्त फैसले ले रहे शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुमार ने मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह के गृह जिला पटियाला में अध्यापकों की मनमर्जी पर ब्रेक लगा दी है। शिक्षा सचिव ने हुक्म जारी करते हुए जिले के 6 स्कूलों में चल रहा शिफ्ट सिस्टम बंद कर दिया है।
कौन-कौन से 2 शिफ्टों में चलते हैं स्कूल
सरकारी सीनियर सैकेंडरी माडल टाऊन (लड़कियां), सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल विक्टोरिया पटियाला, सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल ओ.पी.एल. (लड़कियां), सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल नाभा (लड़के), सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल त्रिपड़ी और सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल कल्याण।
जिस समय शिफ्ट सिस्टम शुरू किया गया था, उस समय स्कूलों में कमरों और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी थी। इस दौरान केंद्र सरकार की सर्वशिक्षा अभियान योजना के अलावा अन्य कई योजनाओं के अंतर्गत स्कूलों में नए कमरे भी बन गए परंतु यह शिफ्ट सिस्टम खत्म नहीं किया गया। एक शिफ्ट सुबह 7 बजे से 1 बजे तक चलती थी और दूसरी शिफ्ट 10 बजे से 3 बजे तक चलती थी।
जब यह मामला शिक्षा सचिव के ध्यान में आया तो उन्होंने कहा कि दोनों शिफ्टों के ब४चे स्कूल में आते हैं और स्कूल ठीक चल सकता है तो फिर 2 शिफ्टें करने की क्या जरूरत है। शिफ्ट सिस्टम में कई अध्यापकों को फायदा था और जिन स्कूलों में शिफ्ट सिस्टम था, उन स्कूलों में बदली करवाने की सिफारिशें भी ज्यादा होती थीं क्योंकि शिफ्ट सिस्टम वाले स्कूलों में अध्यापक मनमर्जी के साथ आते थे।
सूत्रों के अनुसार इस संबंधी शिकायतें मिलने के बाद शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने इस मामले बारे खुद जानकारी हासिल की। इस दौरान यह बात सामने आई कि पटियाला के सरकारी सीनियर सैकेंडरी ओ.पी.एल. स्कूल में सैकेंडरी स्कूल के अलावा 2 प्राइमरी स्कूल चलते थे। काफी समय पहले एक प्राइमरी स्कूल बंद हो गया था परंतु इसके बावजूद भी यहां शिफ्ट सिस्टम जारी रखा गया था। जिन स्कूलों में शिफ्ट सिस्टम था, उनमें यह सिस्टम इसलिए शुरू किया गया था कि स्कूलों में कमरों की कमी थी।
सीनियर सैकेंडरी स्कूल के 11वीं और 12वीं के बच्चे जिन्होंने अलग-अलग सब्जैक्ट लिए हुए थे, वे जल्दी फुर्सत में हो जाते थे, जिस कारण कमरे खाली हो जाते थे। इसको ध्यान में रखते हुए ही प्राइमरी स्कूलों का समय दूसरी शिफ्ट में रखा गया था परंतु अब स्कूलों में बच्चों की कमी होने और नए कमरे बनने के कारण इस शिफ्ट सिस्टम के कोई मायने नहीं रह गए थे। जिस कारण ही शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने यह व्यवस्था ही बंद कर दी है।
कई पहलुओं पर जांच करने के बाद सिंगल शिफ्ट किए
कृष्ण कुमार ने डबल शिफ्ट स्कूलों को सिंगल शिफ्ट करने के लिए कई पहलुओं पर जांच पड़ताल की है। उसके बाद ही सिंगल शिफ्ट करने का फैसला लिया है। इसमें स्कूल के मुखियों और टीचर्स से यह बात पूछी गई थी कि सुबह 7 और 10 बजे आने वाले स्टूडैंट्स 10 से 1 बजे एक साथ इसी बिल्डिंग में पढ़ रहे हैं तो एक ही शिफ्ट में क्यों नहीं बैठ सकते। इसके अलावा 10 से 3 बजे तक की शिफ्ट में पढऩे वाले स्टूडैंट्स का पढ़ाई का एक घंटा कम हो जाता है। वहीं अब स्कूलों में स्टूडैंट्स की संख्या पहले से कम हो चुकी है। ऐसे में बिल्डिंग में जगह की कमी का भी कोई बहाना नहीं है। इसलिए इन स्कूलों को सिंगल शिफ्ट में किया जाए।