Edited By Vatika,Updated: 18 Oct, 2023 02:46 PM
इसकी गुणवत्ता के लिए मैन्यूफैक्चरर जिम्मेदार हैं। प्रधान चीमा ने कहा कि यह हमारे निजी हितों की लड़ाई है। इसमें तो प्रशासन को हमारा साथ देना चाहिए।
पटियाला: पंजाब में धान की लिफ्टिंग का मामला अभी भी ज्यों का त्यों बना हुआ है। केंद्र की तरफ से जिन शैलर मालिकों को एफ.आर.के. का मुद्दा 2 महीनों में हल करने की ऑफर दी गई थी, को शैलर मालिकों ने उसे ठुकरा दिया है और हड़ताल जारी रखने का ऐलान कर दिया है। हालात यह हैं कि लिफ्टिंग न होने के कारण न धान की सही तरीके से खरीद नहीं हो रही है और स्टोरेज तो पूरी तरह बंद है।
शैलर मालिकों की तरफ केंद्र की इस ऑफर को लेकर मीटिंग की गई, जिसमें सभी ने सर्वसम्मति के साथ इसको ठुकरा कर हड़ताल को जारी रखने का ऐलान किया। इस संबंधी पंजाब राइस मिलर्ज एसोसिएशन के प्रधान तरसेम सैणी ने कहा कि पंजाब की अफसरशाही भी मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को सही तस्वीर पेश नहीं कर रही कि किस तरह केंद्र सरकार पंजाब की इस इंडस्ट्री को खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि पंजाब के अफसरों को चाहिए कि वह मुख्यमंत्री को जमीनी हकीकत बताएं न कि काम चलाने के लिए इधर-उधर के झूठ बोलें। प्रधान तरसेम सैणी ने मुख्यमंत्री से आशा अभिव्यक्त कि वह शैलर मालिकों का साथ देंगे जिससे आज के हालातों के मुताबिक बंद होने किनारे पहुंची शैलर इंडस्ट्री को बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछली बार सी.बी.आई. की रेड शैलरों पर करवाई और इस बार फोर्टीफाइड राइस के मसले को लेकर शैलर मालिकों के साथ अन्याय किया जा रहा है। इधर मंडियों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है क्योंकि धान की ज्यादा देर तक बोरियों में डाल कर नहीं रखा जा सकता, जिसके खराब होने के चांस बढ़ जाते हैं, जिसको ले कर आढ़ती और किसान बुरी तरह दुखी हैं परन्तु जिस तरह के हालात बने हुए हैं। उस मुताबिक यह मुद्दा अभी हल होता नजर नहीं आ रहा। जिला प्रधान गुरदीप सिंह चीमा ने कहा कि फोर्टीफाइड राइस की गुणवत्ता के लिए शैलर मालिकों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि वह सिर्फ ब्लैंडिंग करते हैं। इसकी गुणवत्ता के लिए मैन्यूफैक्चरर जिम्मेदार हैं। प्रधान चीमा ने कहा कि यह हमारे निजी हितों की लड़ाई है। इसमें तो प्रशासन को हमारा साथ देना चाहिए।