Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Mar, 2018 09:16 AM
प्रदेश सरकार ने परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने और आम जनता को सारी सुविधाएं सही ढंग से मुहैया करवाने के उद्देश्य से डी.टी.ओ. दफ्तर बंद कर सारा काम आर.टी.ए. दफ्तरों के अधीन कर दिया । मगर आर.टी.ए. दफ्तर में आम जनता की परेशानियां कम...
जालंधर(अमित): प्रदेश सरकार ने परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने और आम जनता को सारी सुविधाएं सही ढंग से मुहैया करवाने के उद्देश्य से डी.टी.ओ. दफ्तर बंद कर सारा काम आर.टी.ए. दफ्तरों के अधीन कर दिया । मगर आर.टी.ए. दफ्तर में आम जनता की परेशानियां कम होने की जगह लगातार बढ़ती जा रही हैं। इसका जीता जागता उदाहरण है पक्के लाइसैंस में जन्मतिथि सही करवाने के लिए आवेदन देने के 2 महीने बाद जब लाइसैंस का नया प्रिंट मिला तो उसमें भी जन्मतिथि गल्त ही छपी हुई थी। इस बारे में जब आवेदक मोहल्ला गोबिंदगढ़ निवासी वीरेन्द्र सिंह विरदी ने शिकायत दर्ज करवाई तो उन्हें दोबारा से फीस जमा करवाने के लिए कहा गया, जिसे आवेदक ने साफ तौर पर मना कर दिया।
क्या है मामला, क्यों हुई आवेदक को परेशानी?
वीरेन्द्र सिंह विरदी ने 19 जनवरी को अपने लाइसैंस नंबर पी.बी.0819980264&88 में दर्ज गल्त जन्मतिथि 15-09-1974 को ठीक ( 15-09-68) करवाने के लिए ऑनलाईन आवेदन दिया था, जिसके लिए बाकायदा तौर पर बनती फीस भी जमा करवाई गई थी। उपरांत एप्लीकेशन नंबर 1&6117518 मिला था ताकि लाइसैंस का नया प्रिंट मिल सके। वीरेंदर ने कहा कि वह लगभग 2 महीने तक बार-बार चक्कर काटता रहा पर उन्हें लाइसैंस नहीं मिला। इतना लंबा इंतजार करने के बाद एक हफ्ता पहले उन्हें लाइसैंस की डिलीवरी तो मिल गई तो उसमें भी जन्मतिथि सही होने की जगह पहले वाली ही छपी हुई थी। इस प्रकार की गल्ती देखने पर वह ट्रैक इंचार्ज अमित के पास गए, जिन्होंने राहुल महेन्द्रू के पास भेज दिया। राहुल ने कहा कि यह एक क्लैरिकल मिस्टेक है और यह यहां से ठीक नहीं होगी। इसलिए आप क्लर्क जसविंदर के पास जाएं, वहीं आपकी समस्या का हल हो सकता है। जसविंदर सिंह ने सारे दस्तावेज चैक किए और कहा कि आपको एक बार दोबारा से फीस जमा करवानी होगी, तभी आपका लाइसैंस मिल सकता है। वीरेन्द्र ने कहा कि वह अपनी शिकायत सैक्रेटरी आर.टी.ए. के पास करेंगे, ताकि दोषी कर्मचारियों के खिलाफ बनती कार्रवाई हो सके।
आवेदक का कसूर नहीं है तो बिना फीस मिलेगा सही लाइसैंस प्रिंट : सैक्रेटरी आर.टी.ए.
सैक्रेटरी आर.टी.ए. दरबारा सिंह ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। मगर इतना तय है कि अगर आवेदक का कोई कसूर नहीं है तो उसे बिना कोई फीस जमा करवाए ही सही लाइसैंस का प्रिंट मिलेगा। जिस कर्मचारी की गल्ती होगी उसकी जेब से फीस जमा करवाई जाएगी। आवेदक किसी भी दिन दफ्तर के समय उनके पास आकर अपना लाइसैंस ले सकता है।