Cancer जैसी जानलेवा बीमारी से बचना है, तो ध्यान दें ये बातें...

Edited By Vatika,Updated: 13 Mar, 2024 09:19 AM

risk of cancer know how to avoid this dangerous disease

कैंसर का नाम ही डरावना है परंतु यदि तीसरी स्टेज तक इसका पता चल जाए तो इसका उपचार हो सकता है।

मोहाली (गुरप्रीत सिंह नियामियां): कैंसर का नाम ही डरावना है परंतु यदि तीसरी स्टेज तक इसका पता चल जाए तो इसका उपचार हो सकता है। यदि किसी भी व्यक्ति को कैंसर की कोई भी निशानी शरीर में दिखाई दे तो इसके बारे में तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए तथा इसमें किसी तरह की भी देरी नहीं करनी चाहिए। इस काम में की गई देरी जीवन ले लेती है। यह बात यहां विशेष भेंटवार्ता के दौरान डॉ रजनीश तलवार (ब्रिगेडियर) ने कही। लंबे समय तक भारतीय सेना में अपनी सेवाएं देने के बाद डॉक्टर रजनीश तलवार आजकल फॉर्टिस हॉस्पिटल मोहाली में कैंसर विशेषज्ञ के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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कैंसर के प्राथमिक लक्षण
यह पूछे जाने पर कि कैंसर के प्राथमिक लक्षण क्या है तो डॉक्टर तलवार ने बताया कि शारीरिक कमजोरी, लंबे समय तक बुखार रहना, जख्म का जल्दी ठीक न होना, अल्सर, सोजिश, रसौली, लंबे समय तक खांसी, थूक में खून आना या मोशन में खून आना ऐसी निशानियां हैं जो कैंसर के कारण हो सकती हैं। इनके बारे में तुरंत डॉक्टर को दिखाकर इसका इलाज करवाना चाहिए। डॉक्टर तलवार ने कहा कि यदि किसी को भी ऐसे लक्ष्ण दिखाई दें तो उसे बिल्कुल भी देरी नहीं करनी चाहिए तथा तुरंत अपने किसी जानकार डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डॉक्टर उनके टैस्ट करवा कर यह पता लगाएगा कि कहीं इस व्यक्ति को कैंसर तो नहीं?

तीसरी स्टेज तक इसका इलाज संभव 
डॉ. तलवार ने कहा कि तीसरी स्टेज तक यदि किसी का कैंसर पता चल जाए तो उसे कैंसर नहीं कहा जाना चाहिए क्योंकि तीसरी स्टेज तक इसका इलाज संभव है। उन्होंने कहा कि कैंसर का नाम इतना डरावना हैं कि यदि किसी मरीज को यह पता चल जाए कि उसे कैंसर है तो वह बुरी तरह से घबरा जाता है और मानसिक तौर पर भी संघर्ष करना छोड़ देता है। कैंसर से लड़ने के लिए ऑप्रेशन, कीमो तथा रेडिएशन 3 तरह के उपचार लोगों में यह भ्रम पाया जा रहा है कि यदि किसी कैंसर के मरीज का ऑप्रेशन करवा दिया जाए तो उसका कैंसर और भी भयानक रूप ले लेता है। इसके बारे में पूछे जाने पर डॉक्टर तलवार ने कहा कि यह एक मिथ्या है। कैंसर जैसी बीमारी के साथ लड़ने के लिए अग्रेिशन, कीमो तथा रेडिएशन तीन तरह के उपचार करने पड़ते हैं।

आज हर एक व्यक्ति तनावग्रस्त
डॉ. तलवार ने कहा कि आजकल हर एक व्यक्ति तनावग्रस्त रहता है। तनाव में रहने के कारण वह बीमारियों का शिकार होता है। उन्होंने कहा कि कैंसर के सैल शरीर में बनते रहते हैं परंतु शरीर की इम्युनिटी इन बुरे सैलों को समाप्त करती रहती है। 

डॉक्टर इलाज करने के बाद 5 वर्ष तक मरीज पर कड़ी निगरानी रखते हैं
कैंसर में 5 वर्षीय परंपरा संबंधी पूछे जाने पर डॉक्टर तलवार ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को कैंसर हो जाए तो तीसरी स्टेज तक कैंसर का पता चलने पर डॉक्टर उसका इलाज करने के बाद 5 वर्ष तक मरीज पर कड़ी निगरानी रखते हैं। डॉक्टरों का यह मानना है कि यदि 5 वर्ष तक उसे दोबारा कैंसर ना हुआ तो मरीज को दोबारा कैंसर नहीं होगा तथा वह सामान्य जीवन जी सकेगा। उन्होंने कहा कि इससे बचाव के लिए सेहतमंद खुराक खानी चाहिए तथा शराब तंबाकू व सिगरेट आदि का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

कैंसर के नाम से डरना नहीं चाहिए :
डॉ. तलवार ने कहा कि कैंसर के नाम से डरना नहीं चाहिए क्योंकि यह इलाज योग हैं। चौथी स्टेज तक इसे पहुंचने ही नहीं देना चाहिए। हमारे देश में तीसरी स्टेज तक 60 प्रतिशत लोग डॉक्टर के पास पहुंचते हैं तथा उनकी जिंदगी बच जाती है। इसके विपरीत विदेश में 60 प्रतिशत लोग पहली स्टेज पर ही डॉक्टर के पास चले जाते हैं तथा उनके प्रारंभिक स्थिति में हो कैंसर पर काबू पा लिया जाता है।

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