वाहे रे माल विभाग! पटवारी की गिरफ्तारी के बाद लावारिस पड़ी जमाबंदी, अब कौन करेगा...

Edited By Kalash,Updated: 03 May, 2025 04:32 PM

revenue department patwari

तहसीलदारों व पटवारियों को आदेश जारी कर रखे हैं कि जमीन जायदाद के इंतकाल तय समय अवधि यानि कम से कम 30 दिन और ज्यादा से ज्यादा 45 दिन के भीतर दर्ज और मंजूर होने चाहिए

अमृतसर (नीरज): एकतरफ जहां मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एक सख्त आदेश जारी करते हुए तहसीलदारों व पटवारियों को आदेश जारी कर रखे हैं कि जमीन जायदाद के इंतकाल तय समय अवधि यानि कम से कम 30 दिन और ज्यादा से ज्यादा 45 दिन के भीतर दर्ज और मंजूर होने चाहिए तो वहीं महानगर के सबसे बड़े शहरी पटवार सर्किलों में से एक पटवार सर्किल 110 की जमाबंदी जो पिछले तीन वर्षों से पेंडिंग चल रही थी, उसको तैयार करने वाला पटवारी हरप्रीत सिंह विजिलेंस की तरफ से गिरफ्तार किए जाने के बाद एक बार फिर से यह जमाबंदी लावारिसों जैसी हो गई है।

जानकारी के अनुसार पूर्व तहसीलदार मनजीत सिंह व कुछ अन्य तहसीलदारों की तरफ से परत पटवार इंतकाज जमा नहीं करवाए जाने के कारण यह जमाबंदी पहले तो तैयार ही नहीं हो रही थी, अब जहां सारे इंतकाल मिलने के बाद पटवारी व कानूनगो ने जमाबंदी को तैयार कर लिया और तहसीलदार की तरफ से इस जमाबंदी को मंजूर किया था तो अब पटवारी पकड़ा गया, जिसके चलते यह जमाबंदी अब पटवारी के बंद पड़े कमरे रखी हुई है जिसकी देखरेख खुद पटवार यूनियन के प्रांतीय नेता हरपाल सिंह समरा कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री आप ही फैसला करे, कौन तहसीलदार मंजूर करेगा 110 सर्किल की जमाबंदी

पटवार सर्किल 110 की जमाबंदी को मंजूर करने के लिए डी.सी. की तरफ से पहले पूर्व तहसीलदार वन राजविन्दर कौर को निर्देश जारी किए गए लेकिन उसने भी जमाबंदी की तरफ ध्यान नहीं दिया। इसके बाद नए आए तहसीलदार वन अमृतबीर सिंह को जमाबंदी मंजूर करने के लिए कहा गया, लेकिन उनका भी एक महीने के भीतर तबादला हो गया, अब उनके स्थान पर तहसीलदार वन मनमोहन कुमार आ चुके हैं, लेकिन यह जमाबंदी मंजूर कौन करेगा। इस पर भी अभी तक फैसला नहीं लिया गया है, जिससे पीड़ित लोग मांग कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को ही इस जमाबंदी को मंजूर किए जाने संबंधी फैसला लेना चाहिए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।

2015-16 की जमाबंदी से गुजारा कर रहे लोग

इतने महत्वपूर्ण सर्कल के इंतकाल रखना एक बड़े कांड की तरफ तो इशारा करता ही है, वहीं अधिकारियों की इस हिमाकत के चलते अभी तक उक्त पटवार सर्किल की जमाबंदी नहीं बनने के कारण हजारों की संख्या में लोगों को 2015-16 की जमाबंदी के दस्तावेजों से गुजारा करना पड़ रहा है, इस सर्किल में तैनात पटवारी विवेक भाटिया को हर रोज इस परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोग नई जमाबंदी के बारे में सवाल पूछते हैं कि आखिरकार यह जमाबंदी अभी तक क्यों तैयार नहीं हुई है।

पटवार सर्किल 110 में पॉश इलाके शामिल

माल विभाग के पटवार सर्किल 110 की बात करें तो इस सर्किल में महानगर के पॉश इलाके माल रोड, जोशी कालोनी, शिवाला कालोनी, बस स्टैंड, गोल्डन एवेन्यू, आई.डी.एच. मार्कीट, तिलक नगर व कृष्णा नगर जैसे पॉश इलाके शामिल हैं, जहां जमीनों के रेट काफी ज्यादा हैं, लेकिन उक्त अधिकारियों की लापरवाही के चलते लोगों को पिछले जमाबंदी का हवाला देकर मौजूदा पटवारी दस्तावेज जारी कर रहे हैं, जबकि आम जनता का इसमें कोई कसूर नहीं है।

डी.सी. ने डी.आर.ओ. के दिए सख्त कार्रवाई के आदेश

इतने वर्षों से जमाबंदी तैयार नहीं हो सकी। इसमें एक बड़ी लापरवाही तो सामने आ ही चुकी है, वहीं समय समय के पूर्व डिप्टी कमिश्नरों ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। यह भी एक बड़ा सवाल खड़ा है, फिलहाल डी.सी. साक्षी साहनी ने इस मामले में जिला माल अफ्सर नवकीरत सिंह रंधावा को सख्ती के साथ जांच करने के आदेश दिए हैं और लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है।

साइन कौन करेगा फैसला अभी तक नहीं

जमाबंदी तैयार हो चुकी है और कानूनगो की तरफ से इसकी पड़ताल भी हो चुकी है, लेकिन इस जमाबंदी पर साइन कौन करेगा। इस पर अभी तक जिला माल अफसर की तरफ से फैसला नहीं लिया गया है।

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