Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jul, 2017 02:58 AM
गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में लगभग 12 साल के बाद होम मिनिस्टर एडवाइजरी कमेटी.....
चंडीगढ़(गौड़): गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में लगभग 12 साल के बाद होम मिनिस्टर एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग हुई। इसमें शहर के लाखों रैजीडैंट्स को राहत देने के लिए बड़े फैसले लिए गए। दिल्ली में हुई इस मीटिंग में कमेटी की ओर से फैसला लिया गया कि लीज होल्ड से फ्री होल्ड प्रॉपर्टी की ट्रांसफर को लेकर जल्द ही लोगों के हित में निर्णय लिया जा सकता है।
इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासन को 3 महीने का समय दिया गया है। इन 3 महीनों के भीतर प्रशासन को यह तय करना होगा कि प्रॉपर्टी को लीज होल्ड से फ्री होल्ड में करने के लिए क्या रेट तय किए जाने चाहिएं। प्रशासन के इस फैसले से लाखों रैजीडैंट्स को फायदा मिल सकता है। इससे पहले कमर्शियल और रैजीडैंशियल प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड ट्रांसफर करने पर काफी देर तक चर्चा चलती रही। प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड करने का मामला मीटिंग के दौरान सांसद किरण खेर ने उठाया। इस साल 3 जुलाई को मिनिस्ट्री ऑफ अर्बन डिवैल्पमैंट (एम.ओ.यू.डी.) ने भी मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स (एम.एच.ए.) को कहा था कि प्रशासन को निर्देश दिए जाएं कि जल्द ही लीज होल्ड प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड में कन्वर्ट किया जाए।
52,000 प्रॉपर्टीज हैं लीज होल्ड
मौजूदा समय में शहर की लगभग 52,000 रैजीडैंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टीज ऐसी हैं जिन्हें प्रशासन ने लीज होल्ड के आधार पर ट्रांसफर किया था। 2013 के बाद से प्रशासन ने प्रॉपर्टी को लीज होल्ड से फ्री होल्ड में करने को पूरी तरह से बंद कर दिया था। राजनाथ सिंह ने प्रशासन को निर्देश देकर रेट तय करने के बाद प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड करने के निर्देश दिए हैं।
चंडीगढ़ के लिए अलग डैस्क बनेगा
मीटिंग के दौरान राजनाथ सिंह ने काऊंसिल की सदस्यों की उस डिमांड को माना, जिसमें कहा गया था कि एम.एच.ए. चंडीगढ़ से जुड़े मामलों का जल्द निपटारा करने के लिए अलग से एक डैस्क सैटअप करे क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश होने की वजह से चंडीगढ़ को हरेक बड़े फैसले के लिए एम.एच.ए. की परमिशन लेनी पड़ती है जिसमें काफी समय बर्बाद होता है।
मैट्रो को शहर के लिए गैर-जरूरी बताया
काऊंसिल के लगभग सभी सदस्यों ने मीटिंग में राजनाथ सिंह को मैट्रो प्रोजैक्ट को शहर के लिए गैर-जरूरी बताया। कमेटी के सदस्य संजय टंडन ने कहा कि ट्रैफिक की समस्या से निपटने के लिए अंडरपास के जैसे अन्य ऑप्शन तलाशने चाहिएं। टंडन ने कहा कि शहर में ट्रैफिक व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है इसलिए पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन को बेहतर बनाने के लिए कुछ अन्य विकल्प ढूंढने होंगे।