कोरोना संकट: पंजाब के मंत्री 3 माह का वेतन राहत कोष में देंगे

Edited By Vatika,Updated: 17 Apr, 2020 11:23 AM

punjab faces heavy revenue loss and ministers donate three month salary

कोरोना वायरस संकट को देखते हुए राज्य को 22000 करोड़ के होने वाले राजस्व नुक्सान को देखते हुए पंजाब के सभी मंत्रियों ने जहां एक तरफ

चंडीगढ़/जालंधर(अश्वनी, धवन): कोरोना वायरस संकट को देखते हुए राज्य को 22000 करोड़ के होने वाले राजस्व नुक्सान को देखते हुए पंजाब के सभी मंत्रियों ने जहां एक तरफ अपना अगले 3 महीनों का वेतन न लेने का फैसला किया है, वहीं दूसरी तरफ पंजाब के मुख्य सचिव ने सभी सरकारी कर्मचारियों से स्वैच्छिक तौर पर अपने वेतन में कटौती करने का आह्वान किया है, ताकि इस आकस्मिक संकट का मुकाबला किया जा सके। 
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यह फैसला वित्त विभाग की सब-कमेटी में किया गया, जिसके चेयरमैन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह हैं। बैठक में कोरोना वायरस महामारी के पड़ने वाले वित्तीय प्रभावों पर चर्चा की गई तथा साथ ही इस नुक्सान की भरपाई करने की समीक्षा भी की गई।वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने बैठक को सूचित किया कि वित्तीय वर्ष 2020 में राजस्व प्राप्तियों का अनुमान 88000 करोड़ लगाया गया था, परन्तु कयूं लॉक डाऊन के कारण अब 66000 करोड़ के राजस्व की ही प्राप्ति हो सकेगी, क्योंकि लॉक डाऊन के कारण कारोवार व व्यापार बंद हो गया है। इसके साथ ही जी.एस.टी. की कलैक्शन में भी कमी आई है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सभी मंत्रियों ने अपने 3 महीनों का वेतन सी.एम. कोविड रिलीफ फंड में देने का फैसला किया है। उसके बाद मुख्यमंत्री कैप्टन, जोकि किसी भी कर्मचारी का वेतन कम करने के पक्ष में नहीं हैं, के निर्देशों पर मुख्य सचिव कर्ण अवतार सिंह ने सभी सरकारी कर्मचारियों, पी.एस.यू. के सभी कर्मचारियों, स्थानीय निकाय, बोडों व कार्पोरेशन के कर्मचारियों से अपील की कि वे स्वेच्छा से अपने वेतन व भत्तों में कटौती का फैसला कर सकते हैं, परन्तु उन पर यह फैसला थोपा नहीं जाएगा।
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मुख्य सचिव ने सुझाव दिया कि ग्रेड-ए व बी के कर्मचारियों को 30 प्रतिशत, ग्रेड-सी के कर्मचारियों को 20 प्रतिशत तथा गेड-डी के कर्मचारियों को 10 प्रतिशत तक अपने मासिक वेतन में से सी.एम. रिलीफ फंड में योगदान देना चाहिए। उन्हें अप्रैल, मई व जून महीनों में वेतन कटौती का सुझाव दिया गया है, ताकि सरकार मजबूती के साथ महामारी का मुकाबला कर सके। बैठक में मौजूदा स्थिति में राजस्व को बढ़ाने के विभिन्न उपायों पर चर्चा की गई, क्योंकि पहले ही राज्य वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है। मुख्यमंत्री ने कमेटी के सदस्यों से कहा कि वे संकट का मुकाबला करने के लिए बेहतरीन उपाय अमल में लाएं।मनप्रीत बादल ने कहा कि लॉक डाऊन के कारण सभी मैन्युफैक्चरिंग कार्य बंद पड़े हैं तथा ट्रांसपोर्ट, एक्साइज व स्टाम्प ड्यूटी से टैक्सों की वसूली नहीं हुई है, जिससे राज्य को 22 हजार करोड़ रुपए के राजस्व नुक्सान का अंदेशा है। उन्होंने कहा कि सब-कमेटी 2-3 दिनों में फिर केंद्र सरकार से मुलाकात करेगी, ताकि सरकारी विभागों के खर्चों में कटौती के बारे में चर्चा की जा सके।

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