Edited By Updated: 16 Jan, 2017 08:07 AM
पंजाब विधानसभा चुनाव के 11 मार्च को नतीजे ऐलाने जाएंगे, जिसके बाद प्रदेश को नई सरकार मिलेगी। पंजाब केसरी की तरफ से हलका नाभा के
नाभा (जैन) : पंजाब विधानसभा चुनाव के 11 मार्च को नतीजे ऐलाने जाएंगे, जिसके बाद प्रदेश को नई सरकार मिलेगी। पंजाब केसरी की तरफ से हलका नाभा के हरेक वर्ग के साथ बातचीत के दौरान यह बात उभर कर सामने आई कि सरकारें लोगों और व्यापारियों से हरेक तरह का टैक्स तो वसूलती हैं परंतु बनती सहूलियतें नहीं दी जातीं। सत्ताधारी पार्टी के प्रतिनिधि और कुछ चहेते सरकारी गनमैन प्राप्त करके विरोधियों को निशाना बनाते हैं। रिश्वतखोरी से लोग परेशान हैं, आवारा पशुओं की भरमार के कारण सड़क हादसों में दिनों-दिन वृद्धि हो रही है। सरकार गऊओं के नाम पर टैक्स वसूल करती है परंतु पशुधन की संभाल नहीं की जाती। यहां सर्कुलर रोड पर ट्रैफिक समस्या हल करने के लिए डिवाइडर नहीं बनाया गया हालांकि यहां से निकलने वाले वाहनों से चार टोल प्लाजा केंद्रों पर टैक्स वसूला जाता है। आम लोगों का कहना है कि आने वाली नई सरकार जनता को रिश्वतखोरी व आवारा पशुओं से मुक्ति दिलवाने वाली हो। लोग चाहते हैं कि जानमाल की सुरक्षा का प्रबंध किया जाए। साल 2014 में ए.टी.एम. वैन पर अंधाधुंध फायरिंग करके 37 लाख लूटे गए और एक गनमैन का कत्ल किया गया। फिर 2015 में इसी ए.टी.एम. में से 23 लाख 76 हजार रुपए लूटे गए। साल 2016 में नाभा जेल ब्रेक हुई परंतु इन तीनों बड़ी वारदातों के आरोपी अभी तक पुलिस की पकड़ में नहीं आए, जिससे लोगों में दहशत पाई जा रही है।
नाभा रियासती नगरी की आऊटर कालोनियों की दुर्दशा है। लंबे अरसे से हजारों लोग सरकारी सहूलियतें प्राप्त नहीं कर सके। राजाओं की नगरी में लड़कियों का अलग कालेज नहीं है। प्राइवेट मान्यता प्राप्त स्कूलों को सरकार की तरफ से कोई ग्रांट नहीं मिली। हाकी के राष्ट्रीय स्तर के 1976 से यहां लगातार हर साल टूर्नामैंट लिब्रल्ज सोसायटी की तरफ से करवाए जाते हैं परंतु सरकार की तरफ से कोई ग्रांट नहीं मिलती और न ही यहां रिपुदमन स्टेडियम की शक्ल बदलने और सुंदरता के लिए कोई प्रयास किसी सरकार ने किया है।
-चौधरी जैनिंद्र बांसल (शिक्षा शास्त्री)
नाभा शहर में महाराजा हीरा सिंह पार्क की शक्ल तो वैल्फेयर सोसायटी ने कुलवंत सिंह की निगरानी में तबदील कर दी है परंतु नगर कौंसिल की तरफ से किसी भी पार्क की सुंदरता में विस्तार करने के लिए कभी कोई प्रयत्न नहीं किया गया। नौजवानों के खेलने के लिए कोई खेल मैदान नहीं है। जंगलात बीड़ों में से पेड़ काट दिए गए। मैहस बीड़ में उजाड़ हो गया है। बंदर बीड़ में से भूख के कारण बाहर निकल कर शहर में प्रवेश कर गए हैं। शहर में आवारा कुत्तों और जानवरों से हरेक व्यक्ति परेशान है। कोई भी सरकारी अधिकारी यहां सरकारी कोठियों में नहीं रहता। नगरी लावारिस बन कर रह गई है।
-हेमंत बांसल
किसी भी सरकार ने फोकल प्वाइंट इंडस्ट्रीयल एरिया की डिवैल्पमैंट की तरफ ध्यान नहीं दिया। उद्योगपतियों की सुरक्षा के लिए कोई विशेष प्रबंध नहीं। सरकार से लोग चाहते हैं कि ककराला रोड की मुरम्मत या नवनिर्माण करके सड़क को चौड़ा किया जाए। उद्योगपतियों को सबसिडी दी जाए। भवानीगढ़ रोड ओवरब्रिज का ठीक ढंग के साथ निर्माण न होने के कारण हादसे घटते हैं। नई सरकार ग्रामीण लोगों, उद्योगपतियों और नजदीक की कालोनियों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करके ठोस नीति बनाए। -गौतम बातिश