जालंधर विधानसभा सीट, अभी भी अधूरे हैं कई वायदे

Edited By Updated: 09 Dec, 2016 02:43 PM

punjab election 2017

इस सीट पर कभी भी एक दल का कब्जा नहीं रहा है। 2007 व 2012 में लगातार 2 बार भाजपा यहां पर विजयी रही है

जालंधरः इस सीट पर कभी भी एक दल का कब्जा नहीं रहा है। 2007 व 2012 में लगातार 2 बार भाजपा यहां पर विजयी रही है लेकिन उससे पहले हर बार चुनावों में कांग्रेस व भाजपा बारी-बारी से विजयी हुए हैं। जालंधर केंद्रीय क्षेत्र में वर्ष 2009 में कुछ ग्रामीण क्षेत्र जोड़ा गया था, जहां पर कई समस्याएं थीं। इन समस्याओं को दूर करने में काफी समय लगा। इसके बाद सबसे बड़ी समस्या केंद्रीय हलके में से निकलता जालंधर-दिल्ली व जालंधर-जम्मू रेल ट्रैक है, जहां से रोजाना सैंकड़ों गाडिय़ां निकलती हैं। इस कारण ट्रैक पर केंद्रीय हलके में पड़ते फाटक अक्सर बंद रहते हैं। इस समस्या को लेकर हल तो निकला है लेकिन अभी तक उस पर काफी काम बाकी है। गुरु नानकपुरा रेलवे क्रासिंग, दकोहा व धन्नोवाली में क्रासिंग पर आर.ओ.बी. या फ्लाईओवर बनाया जाएगा जिससे इन रेलवे क्रासिंग पर वाहनों की कतारें नहीं लगेंगी। इस संबंधी प्रस्ताव पारित हो गया है और काम भी चल रहा है लेकिन अभी काफी इंतजार करना पड़ेगा।


विधायक का दावा
मौजूदा भाजपा विधायक मनोरंजन कालिया का कहना है कि वर्ष 2002 तथा 2012 में लगातार 2 बार इस सीट पर जीत कर उन्होंने करोड़ों रुपए के विकास कार्य करवाए। शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 700 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्य हुए हैं। पहले स्थानीय निकाय मंत्री तथा बाद में विधायक रहते हुए बी.एम.सी. चौक ओवरब्रिज, खालसा कालेज ब्रिज, क्षेत्र में 97 नए बिजली ट्रांसफार्मर, क्षेत्र में आते ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों को अपग्रेड करवाने जैसे प्रमुख काम करवाए हैं। लोगों को राशन डिपो की कतारों से हटाकर सीधे उनके घर तक गेहूं पहुंचाने का प्रबंध किया। क्षेत्र में पड़ते फाटकों पर घंटों जाम की समस्या के हल के लिए गुरुनानकपुरा क्रासिंग, दकोहा व धन्नोवाली क्रासिंग पर आर.ओ.बी. या फ्लाईओवर केंद्र सरकार से पास करवाया है।  


जातीय समीकरण
इस विधानसभा सीट पर हिंदू, सिख समुदाय के साथ-साथ दलित वर्ग के वोट भी काफी अधिक संख्या में हैं। इस सीट में शामिल ग्रामीण क्षेत्रों में रविदासिया समुदाय तथा शहरी क्षेत्र में वाल्मीकि वर्ग की भी काफी संख्या है। 

वायदे
रेल ट्रैक के पार क्षेत्र के लोगों के लिए क्रासिंग समस्या का हल करना
 ग्रामीण क्षेत्रों में सीवरेज व सड़क व्यवस्था का प्रबंध
कुछ भाग में खराब बिजली व्यवस्था की हालत में सुधार


दावों की हकीकत
साढ़े 9 वर्ष के  कार्यकाल में हलके में पड़ते गांवों में सीवरेज व सड़क व्यवस्था को सुधारने की कोशिश की गई है। शहरी क्षेत्र में भी सड़कें तो बनीं लेकिन ज्यादा देर तक नहीं टिक पाईं। भाजपा के अंदर की राजनीति के कारण अंतिम 5 वर्ष में विकास कार्यों की गति में कमी देखी गई है।

 

2014 के लोकसभा चुनावों में पोजीशन 
संतोख चौधरी (कांग्रेस)     3,80,479
पवन कुमार टीनू (अकाली दल)     3,09,498
ज्योति मान (आप)        2,54,121

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