Edited By Sunita sarangal,Updated: 16 Sep, 2021 12:49 PM
यह मुद्दा उस समय और गर्मा गया है जब तृप्त बाजवा के कट्टर विरोधी अश्विनी सेखड़ी को हेल्थ सिस्टम कार्पोरेशन का चेयरमैन.....
लुधियाना(हितेश): कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा द्वारा करीब 40 विधायकों से कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ सोनिया गांधी को जो चिट्ठी लिखवाई गई उसे माझा में प्रताप बाजवा कैम्प को शह देने का नतीजा माना जा रहा है। यहां बताना उचित होगा कि जब प्रताप बाजवा के साथ लड़ाई चल रही थी तो तृप्त राजिंदर के अलावा सुखजिंदर रंधावा व सुख सरकारीया खुलकर कैप्टन के साथ खड़े नजर आए थे और सरकार बनने पर उन्हें सी.एम. के सबसे करीबी मंत्रियों के तौर पर जाना जाता था लेकिन गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी व ड्रग्स मामले में कार्रवाई न होने को लेकर इन मंत्रियों ने ही सबसे पहले कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोला और इस मुद्दे को हाईकमान तक ले जाकर विरोध के बावजूद नवजोत सिद्धू को प्रधान बनाने की जमीन तैयार करने में भी अहम भूमिका निभाई। इस मौके का फायदा उठाकर प्रताप बाजवा एक बार फिर कैप्टन के नजदीक आ गए हैं।
यह मुद्दा उस समय और गर्मा गया है जब तृप्त बाजवा के कट्टर विरोधी अश्विनी सेखड़ी को हेल्थ सिस्टम कार्पोरेशन का चेयरमैन लगा दिया गया। इसी तरह प्रताप बाजवा व जसवीर डिम्पा की सिफारिश पर उक्त मंत्रियों के एरिया में मार्केट कमेटी व इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन की नियुक्ति की गई है। यहां तक उक्त मंत्रियों द्वारा बटाला को जिला बनाने की मांग करने पर कैप्टन ने इस संबंधी पहले से प्रताप बाजवा की सिफारिश पर प्रकिया जारी होने का जबाव दे दिया था। इस रस्साकसी का नतीजा अब तृप्त बाजवा द्वारा विधायकों से कैप्टन के खिलाफ सोनिया को लिखी चिट्ठी के रूप में सामने आया है।
करीबी अधिकारियों की ट्रांसफर का बनाया गया है मुद्दा
मिली जानकारी के मुताबिक बागी विधायकों द्वारा जहां अपनी बात रखने के लिए केंदीय ऑब्जर्वरों की मौजूदगी में मीटिंग रखने की मांग की है वहीं उन्होंने करीबी अधिकारियों की ट्रांसफर का मुद्दा भी उठाया है जो शिकायत उक्त मंत्रियों द्वारा देहरादून जाकर हरीश रावत के साथ मुलाकात के दौरान भी की गई थी।
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