पंजाब बजट 2019-20:एम.एस.एम.ई. क्षेत्र की अनदेखी से उद्योग जगत निराश

Edited By swetha,Updated: 19 Feb, 2019 12:57 PM

वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने पंजाब का वर्ष 2019 का बजट पेश किया। पंजाब के कारोबारी बजट में सरकार की ओर से उद्योगों के लिए बड़ी राहत पैकेज की आस लगाए बैठे थे, लेकिन एम.एस.एम.ई. क्षेत्र के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं होने से उद्यमियों को एक बड़ी...

लुधियाना: वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने पंजाब का वर्ष 2019 का बजट पेश किया। पंजाब के कारोबारी बजट में सरकार की ओर से उद्योगों के लिए बड़ी राहत पैकेज की आस लगाए बैठे थे, लेकिन एम.एस.एम.ई. क्षेत्र के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं होने से उद्यमियों को एक बड़ी निराशा हाथ लगी। हालांकि सरकार द्वारा पैट्रोल और डीजल पर वैट में कटौती से पैट्रोल की कीमतों में 5 रुपए और डीजल की कीमत में 1 रुपए प्रति लीटर की कमी की घोषणा से उद्योगों को राहत प्रदान की गई। 

इसके अलावा उद्योगों को मिलने वाली सस्ती बिजली के लिए सरकार द्वारा पूर्व में 1440 करोड़ की सबसिडी को बढ़ाकर 1513 करोड़ करने और घर घर रोजगार स्कीम के अन्तर्गत सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल के जरिए 1 करोड़ 13 लाख युवाओं को रोजगार प्रदान करने की बात कही गई। वित्तमंत्री द्वारा बजट भाषण के दौरान आटो पार्ट्स, बाइसाइकिल, हौजरी, गारमैंट और सीमैंट उद्योगों की टर्नओवर बढ़ने के बावजूद जी.एस.टी. रैवेन्यू में वृद्धि नहीं होने की बात कही, जिससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि यह औद्योगिक क्षेत्र दिक्कत में है और इन्हें विशेष राहत पैकेज दिए जाने की जरूरत है। उद्योगपतियों ने पंजाब सरकार द्वारा आज पेश किए गए बजट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त ही है।

क्या कहना है उद्योगपतियों का

*चैम्बर आफ इंडस्ट्रीयल एंड कमर्शियल अन्डरटेकिंग्स बजट में पैट्रोल की कीमत में 5 रूपए और डीजल पर 1 रुपए प्रति लीटर कटौती का स्वागत करता है। इससे उद्योगों और आम जनता को राहत मिलेगी। पंजाब में 15 नए आई.टी.आई. खुलने से बेरोजगारी घटेगी और उद्योगों में मैन पावर की कमी दूर होगी। बुड्ढे नाले की सफाई हेतु 4.38 करोड़ का पैकेज मिलेगा। एम.एस.एम.ई. को जी.एम.टी. पर कोई छूट नहीं है । इसके बावजूद सरकार ने बजट में इन्हें कोई राहत नहीं दी जोकि निराशाजनक है। -उपकार सिंह आहूजा,प्रधान, सी.आई.सी.यू.।

*पंजाब सरकार उद्योगों को पहले ही करीब 1500  करोड़ की सबसिडी दे रही है, लेकिन इसके बावजूद उद्योगों को 9 से 12 रुपए प्रति यूनिट बिजली मिल पा रही है। सरकार द्वारा इंडस्ट्री को 5 रूपए प्रति यूनिट बिजली उपलब्ध करवाने की घोषणा को पूरा करने के लिए 3500 करोड़ रुपए की सबसिडी प्रदान करनी चाहिए। पॉवरकाम बिजली के रेट बढ़ाने की तैयारी में है और सरकार इस बढ़ौत्तरी को पूरा करने के लिए उद्योगों पर फिक्स चार्जिज में वृद्धि का भार डालेगी। मौजूदा फोकल प्वाइंट व इंडस्ट्रीज क्षेत्रों की खस्ता हालत में सुधार हेतु कोई पैकेज नहीं दिया जाना निराशाजनक है। -बदीश जिन्दल, अध्यक्ष, फैडरेशन ऑफ पंजाब स्माल इंडस्ट्रिज संघ।

*बाइसाइकिल इंडस्ट्री बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है और लुधियाना के साइकिल कारोबारी बजट में विशेष राहत पैकेज की पूर्ण आस लगाए बैठे थे। साइकिल उद्योग में जुड़े कलपुर्जे बनाने वाले कारोबारी एम.एस.एम.ई. क्षेत्र से हैं और पंजाब के लघु उद्योग ही सरकार को सबसे अधिक राजस्व प्रदान करते हैं। सरकार द्वारा उद्योगों के लिए 1513 करोड़ की सबसिडी की घोषणा के बावजूद एम.एस. यूनिटों को टू पार्ट टैरिफ के अधीन कम खप्त के कारण महंगी बिजली खरीदनी पड़ती है। सरकार इस सबसिडी को बढ़ाकर साइकिल इंडस्ट्री को राहत प्रदान करे। -इन्द्रजीत नवयुग,प्रधान, यू.सी.पी.एम.ए.।

*बजट में मेंक इन पंजाब स्कीम के तहत सरकारी खरीद निती में लोकल इंडस्ट्री से 50 प्रतिशत माल खरीदने की प्राथमिकता का फैसला बेहद सराहनीय है। इसमें पंजाब के उद्योग प्रफुलित होंगे। सरकार द्वारा पैट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का फायदा उद्योगों को मिलेगा। पैट्रोलियम प्रोडक्ट सस्ते होंने से उद्योगों की उत्पादन लागत कम होगी और नए आई.टी.आई. बनने से उद्योगों में स्किलड वर्करों की कमी दूर होगी। -हरीश दुआ, प्रधान निटवियर एंड अपैरल एक्सपोर्ट संघ।

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