Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jun, 2017 10:53 AM
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से कर्ज के बोझ तले दबे किसानों की आत्महत्याओं पर जवाब मांगा है।
चंडीगढ़ः पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से कर्ज के बोझ तले दबे किसानों की आत्महत्याओं पर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि किसानों की स्थिति बदहाल क्यों है? पंजाब सरकार को इस बारे में 5 जुलाई तक जवाब दाखिल करना होगा।
दायर याचिका में बताया गया कि पंजाब सरकार ने कर्ज के बोझ तले दबे किसानों की ओर से की जा रही आत्महत्याओं को रोकने के लिए पंजाब सैटलमेंट ऑफ एग्रीकल्चरल इनडेब्टनेस एक्ट-2016 बनाया है। इसके तहत ऐसे किसानों से कर्ज की वसूली चाहे वह बैंक या किसी अन्य निजी व्यक्ति की ओर से की जानी हो, उसके निपटारे के लिए ट्रिब्यूनल या फोरम बनाए जाने का प्रावधान बनाया गया है।
याचिका में यह भी मांग की गई है कि किसानों को जो कर्ज बैंक या अन्य निजी व्यक्तियों से प्राप्त हुए हैं, उन पर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से तय ब्याज दर से अधिक ब्याज न वसूला जाए। इसके साथ ही वसूल किए गए कर्ज की अकाउंट बुक और स्टेटमेंट भी पंजाब रेगुलेशन ऑफ अकाउंट एक्ट-1930 के तहत मेन्टेन करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने याचिका पर पंजाब सरकार और केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है।