Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 11:25 AM
पंजाब सरकार की ओर से लागू किए गए ‘सार्वजनिक व निजी जायदाद नुक्सान विरोधी एक्ट’ तथा अब नए लाए जा रहे ‘पकोका’ के विरोध में सार्वजनिक संगठनों ने जिला प्रशासनिक अधिकारियों को एक मांग-पत्र सौंपकर रोष जताया। करीब डेढ़ दर्जन संगठनों ने उक्त कानूनों को रद्द...
बठिंडा(परमिंद्र): पंजाब सरकार की ओर से लागू किए गए ‘सार्वजनिक व निजी जायदाद नुक्सान विरोधी एक्ट’ तथा अब नए लाए जा रहे ‘पकोका’ के विरोध में सार्वजनिक संगठनों ने जिला प्रशासनिक अधिकारियों को एक मांग-पत्र सौंपकर रोष जताया। करीब डेढ़ दर्जन संगठनों ने उक्त कानूनों को रद्द करने की मांग की व इन कानूनों के खिलाफ नारेबाजी की।
विभिन्न संगठनों के प्रवक्ताओं ने कहा कि सरकारों की ओर से लगातार देसी-विदेशी कंपनियों व कार्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए नीतियां बनाई जा रही हैं। इन नीतियों के खिलाफ उठने वाली आवाजों को बंद करने के लिए ही इस प्रकार के कानून लाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा करके पुलिस को अधिक शक्तियां दी जा रही हैं जिससे पुलिस इन शक्तियों का दुरुपयोग कर लोगों को परेशान कर सकती है।
इस अवसर पर देहाती मजदूर सभा, भाकियू (उगराहां), नौजवान भारत सभा, थर्मल कान्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन, भाकियू क्रांतिकारी, पी.एस.यू. ललकार, पी.एस.यू. शहीद रंधावा, जम्हूरी अधिकार सभा, क्रांतिकारी ग्रामीण मजदूर यूनियन, महिला मुक्ति मंच, पंजाब खेत मजदूर यूनियन, टी.एस.यू. थर्मल, शहीद भगत सिंह आर्गेनाइजेशन, केंद्रीय यूनिवॢसटी, मैडीकल प्रैक्टीशनर्स, मजदूर मुक्ति मोर्चा, पंजाब एंड चंडीगढ़ सेल्ज यूनियन, पंजाब निर्माण मजदूर यूनियन, भाकियू एकता डकौंदा व अन्य संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।