Edited By Updated: 29 Apr, 2017 08:30 AM
जमीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी की अगुवाई में उपस्थित हुए हजारों मजदूरों व किसानों ने अपने हिस्से की पंचायती जमीन पक्के तौर पर लेने, नजूल जमीनों के मालिकी हक, प्लाटों की प्राप्ति व ग्रामीण चौधरियों के जबर-जुल्म के खिलाफ शहर में रोष प्रदर्शन करने उपरांत...
संगरूर (बेदी, रूपक, विवेक सिंधवानी, गोयल): जमीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी की अगुवाई में उपस्थित हुए हजारों मजदूरों व किसानों ने अपने हिस्से की पंचायती जमीन पक्के तौर पर लेने, नजूल जमीनों के मालिकी हक, प्लाटों की प्राप्ति व ग्रामीण चौधरियों के जबर-जुल्म के खिलाफ शहर में रोष प्रदर्शन करने उपरांत डिप्टी कमिश्नर कार्यालय समक्ष धरना लगाकर तीखे संघर्ष का ऐलान किया। इस अवसर पर जमीन प्राप्ति संघर्र्ष कमेटी के जिलाध्यक्ष मुकेश मलौद, बलविंद्र झलूर, पृथी लौंगोवाल व परमजीत कौर ने कहा कि मजदूर सदियों से गरीबी, भुखमरी के खिलाफ व सामाजिक एकाधिकार के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चाहे कानून अनुसार पंचायती जमीनों का तीसरा हिस्सा दलित समुदाय हेतु रखकर जरूरतमंद परिवारों हेतु घर बनाने के लिए प्लाट देने की तजवीज है परंतु इन जमीनों पर धनाढ्य लोगों का कब्जा होने के चलते इन मजदूरों का हक इन्हें नहीं मिल पा रहा है। मजदूरों द्वारा इन हकों की प्राप्ति के लिए शुरू किए गए संघर्ष को कुचलने के लिए पुलिस व सिविल प्रशासन द्वारा सरकार की शह पर ग्रामीण धनाढ्य-चौधरियों से मिलकर हर तरह के जुल्म किए जा रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंचायती जमीनों का तीसरा हिस्सा दलितों को पक्के तौर पर व बाकी बचती जमीन को छोटे किसानों के लिए रखा जाए।
नजूल जमीनों के मालिकाना हक देने के लिए रखी शर्तें तुरंत रद्द की जाएं। माता गुरदेव कौर की शहीदी उपरांत संगरूर प्रशासन द्वारा किए समझौते की शर्तों को लागू करवाने हेतु, जरूरतमंद परिवारों को 10-10 मरले के प्लाट दिलवाने व अलाट किए प्लाटों का कब्जा दिलाने, जमीनी संघर्ष के दौरान दर्ज केस रद्द करवाने व गांवों में मनरेगा का सारा कार्य चलाने तथा पैसे तुरंत जारी किए जाने की मांग की।
अंत में उन्होंने ऐलान किया कि अगर प्रशासन ने उक्त मांगों को न माना तो किसी भी कीमत पर गांवों में बोली नहीं होनी दी जाएगी। इस अवसर पर मनप्रीत भट्टीवाल, कर्मजीत घराचों, हरबंस कौर कुलारां, सुर्जन झनेड़ी, रामपाल बालद कलां, बुध सिंह समूरां, हरदीप सिंह लड्डा, बलवंत सिंह बीनाहेड़ी, जगी तोलावाल ने भी संबोधित किया।