Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 12:16 PM
नगर निगम द्वारा प्रापर्टी टैक्स वसूलने बारे रखे टारगेट के तहत 6 महीने में 83 करोड़ वसूलने बारे किए जा रहे दावे पर सवाल खड़े होने के बाद अफसरों
लुधियाना (हितेश): नगर निगम द्वारा प्रापर्टी टैक्स वसूलने बारे रखे टारगेट के तहत 6 महीने में 83 करोड़ वसूलने बारे किए जा रहे दावे पर सवाल खड़े होने के बाद अफसरों को आखिर 4 साल बाद उन लोगों पर कार्रवाई की याद आ गई है। जिन्होंने गलत रिटर्न भरकर चुना लगाया है या कभी टैक्स दिया ही नहीं। निगम में इस बार सबसे बुरे आर्थिक हालात पैदा होने का खतरा है। इसके मद्देनजर बकाया राजस्व वसूलने को लेकर कुछ दिन पहले अफसरों की नींद खुली तो जरूर है, फिर भी रिकवरी मुहिम के खास परिणाम सामने नहीं आ रहे। जिसकी वजह यह है कि निगम द्वारा इस समय सिर्फ उन लोगों को प्रापर्टी टैक्स वसूलने के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं। जिन्होंने 2013-14 या उसके बाद कभी रिटर्न भरी है लेकिन उन लोगों की तरफ किसी का ध्यान नहीं है। जिन्होंने अब तक एक बार भी टैक्स नहीं जमा करवाया।
विजीलैंस में भी चल रहा है केस
कभी भी टैक्स न भरने वालों व गलत रिटर्न भरने के मामले में कोई कार्रवाई न होने को लेकर विजीलैंस द्वारा केस दर्ज किया गया था। उसकी जांच शुरू होने पर निगम ने आनन-फानन में नोटिस जारी किए। जिसके तहत करीब 10 करोड़ की रिकवरी होने की सूचना है लेकिन जांच की रफ्तार धीमी पडऩे के बाद निगम अफसरों ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
स्क्रूटनी बारे नियमों का नहीं हुआ पालन
प्रापर्टी टैक्स रिटर्न भरने के लिए भले ही सैल्फ असैस्मैंट का प्रावधान है, फिर भी अफसरों द्वारा कुछ फीसदी रिटर्नों की स्क्रूटनी करने के लिए नियम बनाए हुए हैं। जिसका पालन न होने का खुलासा विजीलैंस जांच में हो चुका है लेकिन उसके बाद भी एरिया वाइज क्रास चैकिंग शुरू होने का कोई रिकार्ड विभाग में मौजूद नहीं है।