Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Dec, 2017 10:28 AM
खाने-पीने के शौकीन अमृतसरियों को बाजार से घटिया खाना मिल रहा है। घटिया खाना खाने से अमृतसरी कैंसर, पेट, दिल व शूगर आदि बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। जिले में अधिकतर होटल, ढाबे व दुकानदार फूड सेफ्टी व स्टैंडर्ड एक्ट के मापदंडों पर खरे नहीं उतरते,...
अमृतसर(दलजीत): खाने-पीने के शौकीन अमृतसरियों को बाजार से घटिया खाना मिल रहा है। घटिया खाना खाने से अमृतसरी कैंसर, पेट, दिल व शूगर आदि बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। जिले में अधिकतर होटल, ढाबे व दुकानदार फूड सेफ्टी व स्टैंडर्ड एक्ट के मापदंडों पर खरे नहीं उतरते, वहीं स्वास्थ्य विभाग मामले से आंखें मूंदे बैठा है।
जानकारी के अनुसार अमृतसरी खाने-पीने के अलावा तली चीजों के अधिक शौकीन हैं, इसके अलावा अमृतसर ऐतिहासिक नगरी होने के कारण यहां लाखों पर्यटक आते हैं। भारत सरकार द्वारा लोगों की सेहत को मद्देनजर रखते हुए फूड सेफ्टी व स्टैंडर्ड एक्ट-2006 बनाया गया है। एक्ट के तहत छोटे से लेकर बड़े दुकानदारों, होटलों आदि को लाइसैंस या रजिस्ट्रेशन लेकर खाने की गुणवत्ता के तय किए गए मापदंड का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
एक्ट को भली-भांति लागू करवाने के लिए पंजाब सरकार द्वारा अलग से फूड सेफ्टी विभाग बनाया गया है, जिसके तहत हर जिले में एक अधिकारी के नीचे फूड सेफ्टी अधिकारी तैनात किए गए हैं। अमृतसर की बात करें तो धड़ल्ले से मिलावटी तथा घटिया खाना बिक रहा है। इस संबंधी स्वास्थ्य विभाग को पता होने के बावजूद वह आंखें मूंदे बैठा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा छोटे दुकानदारों पर छापेमारी की जाती है, पर बड़े-बड़े होटलों पर राजनीतिक नेताओं का हाथ होने के कारण उनको छोड़ दिया जाता है।
प्रसिद्ध क्षेत्रों में मिल रहा है दूषित खाना
अमृतसर में खाने-पीने के लिए रणजीत एवेन्यू, मालवीय रोड की रेहड़ी मार्कीट, जलियांवाला बाग के नजदीक, बस स्टैंड के नजदीक, कबीर पार्क, लोहगढ़, मजीठा रोड, सुल्तानविंड रोड आदि स्थान हैं। उक्त स्थानों में अमृतसरियों तथा पर्यटकों को घटिया खाना मिल रहा है। फूड सेफ्टी व स्टैंडर्ड एक्ट के लाइसैंस व रजिस्टे्रशन होने के बावजूद कुछ दुकानदार घटिया खाना बेच रहे हैं। शहर में अधिकतर स्थानों पर कटे, गले-सड़े व रसायनों से तैयार फल भी धड़ल्ले से बिक रहे हैं। कई होटलों व प्रसिद्ध मिष्ठान भंडारों की रसोइयां तो इतनी गंदी होती हैं कि अगर कोई इन्सान उसे देख ले तो कभी भी वहां से कोई चीज न खाए।
23 लाख के पीछे 3 अधिकारी
जिले की लगभग 23 लाख की जनसंख्या के पीछे स्वास्थ्य विभाग द्वारा मात्र 4 फूड सेफ्टी अधिकारियों के पद रखे गए हैं। इनमें 3 फूड सेफ्टी अधिकारी व 1 जिला स्वास्थ्य अधिकारी हैं। उक्त अधिकारियों को कभी कोर्ट केस, कभी विभाग की बैठक, वी.वी.आई.पी. ड्यूटी के कारण उन्हें जाना पड़ता है। कई बार तो विभाग द्वारा बनाए गए नियमों को ताक पर रख कर अधिकारियों को सौंपे गए क्षेत्र से बाहर जाकर जांच कर लेते हैं।
40 हजार में से 5 हजार ने करवाई रजिस्ट्रेशन
जिले में रेहड़ी वाले से लेकर बड़े होटल व दुकानदार जो खाद्य पदार्थ बेचते तथा बनाते हैं, फूड सेफ्टी व स्टैंडर्ड एक्ट के दायरे में आते हैं। जिले में करीब 40 हजार उक्त कारोबारियों की संख्या है। इनमें से अभी तक लगभग 5 हजार ने ही लाइसैंस व रजिस्ट्रेशन करवाई है। विभाग ने भी कई बार माना है कि अमृतसर के बड़े घराने एक्ट के तहत लाइसैंस नहीं ले रहे हैं, पर फिर भी उक्त घरानों के आगे विभाग बेबस दिखाई दे रहा है।
छापामारी के बावजूद परिणाम शून्य
जिले में घटिया खाद्य पदार्थ जोरों से बिक रहा है। स्वास्थ्य विभाग मिलावटखोरों को पकडऩे के लिए जोर अजमाइश भी करता है, परंतु सब कुछ होने के बावजूद परिणाम शून्य ही रहता है। छापामारी के बावजूद धड़ल्ले से मिलावटी खाना बिक रहा है।
कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से लोग होते हैं पीड़ित
मैडीकल कालेज की मैडीसन विभाग की ओ.पी.डी. में रोजाना 400 से अधिक मरीज आते हैं, जिनमें 250 से अधिक मरीज घटिया खाने के कारण होने वाली बीमारियों के शिकार होते हैं। विभाग के प्रमुख डा. निरंकार सिंह नेकी ने बताया कि घटिया खाना खाने से कैंसर, हार्ट, पेट की बीमारियां, शूगर, ब्लड प्रैशर, किडनी आदि की बीमारियां फैल रही हैं। लोगों को अपने खाने-पीने पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि अच्छे भोजन में ही अच्छे स्वास्थ्य का रहस्य छिपा है।