Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Sep, 2017 10:43 AM
एक तरफ जहां पंजाब को इस समय अनेकों बुराइयों ने घेरा हुआ है, वहीं दिनों-दिन पंजाब की धरती पर बढ़ रहा प्रदूषण पंजाबियों के लिए इस समय बड़ी चुनौती का सबब बन गया है।
मोगा (ग्रोवर): एक तरफ जहां पंजाब को इस समय अनेकों बुराइयों ने घेरा हुआ है, वहीं दिनों-दिन पंजाब की धरती पर बढ़ रहा प्रदूषण पंजाबियों के लिए इस समय बड़ी चुनौती का सबब बन गया है। मालवा इलाके के प्रसिद्ध शहर मोगा जिले की सड़कों पर दौड़ते वाहनों में से निकलने वाला प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि शहर के भीड़भड़ वाले इलाकों में से गुजरते वाहनों से निकलने वाला धुआं कई बार लोगों को श्वास लेने में भी दिक्कत पेश करने लगा है।
प्रदूषण का मुख्य कारण वनों की कटाई व औद्योगिकीकरण
प्रदूषण का मुख्य कारण हैं औद्योगिकीकरण, वनों की कटाई और शहरीकरण प्राकृतिक संसाधन को गंदा करने वाले उत्पाद जो कि सामान्य जीवन की दैनिक जरूरतों के रूप इस्तेमाल किए जाते हैं। वर्तमान में गाडिय़ों का ज्यादा उपयोग होने से पैट्रोल और डीजल का भी ज्यादा से ज्यादा अपव्यय हो रहा है और गाडिय़ों से निकलने वाले धुएं से वायु प्रदूषण होता है। आज के आधुनिक युग में हमने औद्योगिक विकास तो कर ही लिया है लेकिन प्राकृतिक विकास हम नहीं कर पाए।
हम औद्योगिक विकास करने के चक्कर में हमारी प्रकृति को ही भूल गए हैं और इसी वजह से आज दुनिया में अलग-अलग तरह की बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं। निष्कर्ष के रूप में कहा जा सकता है कि प्रदूषण को कम करने का एकमात्र उपाय सामाजिक जागरूकता है। प्रचार माध्यमों के द्वारा इस संबंध में लोगों तक संदेश पहुंचाने की आवश्यकता है। सामूहिक प्रयास से ही प्रदूषण की विश्वव्यापी समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
शहर में प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रदूषण नियंत्रण विभाग व पुलिस विभाग असफल
जानकारी के मुताबिक वैज्ञानिकों का तर्क है कि यदि वातावरण में बढ़ रहे प्रदूषण को न रोका गया, तो 2050 तक इस धरती पर गर्मी इतनी बढ़ जाएगी कि मानवीय शरीर को और भी घातक बीमारियां घेर लेंगी, वैसे इस समय भी प्रदूषण बढऩे से मानवीय शरीर को पहले ही अनेकों बीमारियों ने अपनी चपेट में लिया हुआ है। सूत्र बताते हैं कि सड़कों पर दौड़ते वाहनों से निकलते जहरीले धुएं व औद्योगिक कारखानों से निकलने वाले धूएं की रोकथाम के लिए प्रदूषण नियंत्रण विभाग व पुलिस विभाग कोई बड़ी कार्रवाई करने में असफल सिद्ध हुआ है।
पुलिस विभाग दस्तावेज चैक करने तक सीमित
सूत्र बताते हैं कि चाहे पुलिस विभाग अधूरे दस्तावेज वाले वाहन चालकों के विरुद्ध कार्रवाई तो करता है परंतु ज्यादा स्थानों पर पुलिस विभाग के पास अभी भी पैट्रोल तथा डीजल से चलने वाले वाहनों का प्रदूषण मापने वाले यंत्रों की कमी है। पंजाब के अलग-अलग जिलों में ट्रैफिक पुलिस विभाग के पास गैस एनालाइजर तथा स्मोक मीटर न होने की कमी हमेशा टीसती रही है। जानकारी के अनुसार नाकाबंदी करके वाहनों के दस्तावेज चैक करने वाली पुलिस सिर्फ प्रदूषण सर्टीफिकेट देखकर वाहन जाने देती है लेकिन इनमें ऐसे वाहन भी हैं, जो हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाईऑक्साइड तथा हाइड्रो कार्बन जैसी जहरीली गैसें छोड़ रहे हैं।