Edited By Updated: 25 Apr, 2017 03:25 PM
सिखों के लिए पगड़ी की क्या अहमियत है इसके विषय में बताते हैं 30 वर्षीय हरजिंदर सिंह कुकरेजा जिन्होंने हाल ही में अपनी सप्ताहभर यात्रा के दौरान तुर्की के अंर्तल्या में पगड़ी के साथ स्कूबा डाइविंग किया था।
लुधियानाः सिखों के लिए पगड़ी की क्या अहमियत है इसके विषय में बताते हैं 30 वर्षीय हरजिंदर सिंह कुकरेजा जिन्होंने हाल ही में अपनी सप्ताहभर यात्रा के दौरान तुर्की के अंर्तल्या में पगड़ी के साथ स्कूबा डाइविंग किया था।
जनवरी 2015 में अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान, उन्होंने पगड़ी में स्काइडाइविंग किया। कुकरेजा कहते हैं कि वह यह व्यक्त करना चाहते हैं कि पगड़ी एक बाधा नहीं है। उन्होंने दावा किया है कि पगड़ी में स्कूबा करने के लिए उन्होंने रिकॉर्ड बनाया है।
अपने अनुभव साझा करते,कुकरेजा ने कहा कि उन्होंने अपनी पगड़ी पर 32 किलोग्राम का हैलमेट पहन डूबकी लगाई। चार पेशेवर गोताखोरों से घिरे होने के बावजूद उन्होंने अपने हाथों से मछलियों को खाना खिलाया।
इससे पहले, मैंने पगड़ी में स्काइडाइविंग किया था। मैं दुनिया को यह बताना चाहता हूं कि पगड़ी मेरी पहचान है और किसी भी चीज में कोई बाधा नहीं है। कुकरेजा के जज्बे ने सिखों की प्राचीन महिमा और विरासत को अनुभव को अागे बढ़ाया है।