Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 03:32 PM
नगर निगम में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पंजाब शहरी आवास योजना के लिए लोगों से आवेदन पत्र लिए जा रहे हैं। डिपार्टमैंट लोकल गवर्नमैंट ऑफ पंजाब डिपार्टमैंट ऑफ हाऊसिंग एंड अर्बन डिवैल्पमैंट द्वारा नगर निगम कार्यालय रणजीत एवेन्यू में पुडा के कर्मचारी...
अमृतसर (रमन): नगर निगम में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पंजाब शहरी आवास योजना के लिए लोगों से आवेदन पत्र लिए जा रहे हैं। डिपार्टमैंट लोकल गवर्नमैंट ऑफ पंजाब डिपार्टमैंट ऑफ हाऊसिंग एंड अर्बन डिवैल्पमैंट द्वारा नगर निगम कार्यालय रणजीत एवेन्यू में पुडा के कर्मचारी लोगों से आवेदन पत्र ले रहे हैं।
इसको लेकर आर.टी.आई. एक्टीविस्ट रजिन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि हर रोज सैंकड़ों लोग निगम कार्यालय में धक्के खा रहे हैं पर उनके साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। फार्म भरने वाले कर्मचारी अपनी मर्जी से काम करते हैं, जब मर्जी हो दरवाजा बंद कर लेते हैं, हालांकि निगम में नोडल अफसर एम.टी.पी. तेजप्रीत सिंह को नियुक्त किया गया है। उनकी देख-रेख में सारा काम हो रहा है, लेकिन रोजाना लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह आवेदन 30 सितम्बर तक ही लिए जाएंगे। राजू ने बताया कि आवेदन भरकर उन्हें पैरों में फैंका जा रहा है, इन्हें रखने का कोई सही प्रबंध नहीं है। लोगों की आंखों में धूल झोंकी जा रही है।
पंजाब शहरी आवास योजना में ‘सभी के लिए घर’ मिशन को पूरा करने के लिए स्कीम शहरी गरीबों के लिए किफायती घर एवं 2022 तक पंजाब के शहरी लोगों के लिए घर के उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रभावी शहरी घरेलू नीतियों में तबदीली करने के बाद यह योजना शुरू की है। इस स्कीम में हिस्सा लेने के लिए कुछ मापदंड हैं, जो लोगों को कर्मचारी बता रहे हैं।
निगम कार्यालय में फार्म भरने के लिए काफी लोग आ रहे हैं, लेकिन एक ही टेबल लगा है। लोगों के दस्तावेजों में भी काफी त्रुटियां हैं। एक फार्म भरवाने के लिए लोगों को दो-दो चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इस योजना को लेकर नगर निगम हाऊस की बैठक में भी बात उठ चुकी है कि पंजाब सरकार द्वारा इस योजना का नाम बदल दिया गया है, जबकि यह योजना प्रधानमंत्री आवास योजना है। इसका नाम न बदला जाए। आर.टी.आई. एक्टीविस्ट राजू ने बताया कि लोगों द्वारा जो आवेदन दिए जा रहे हैं, उसे लेकर कोई एप्लीकेशन या डायरी नंबर नहीं दिया जा रहा है। इससे लोगों में यह संदेह पैदा हो गया है कि पंजाब सरकार का यह कोई चुनावी स्टंट तो नहीं है।