Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Aug, 2017 08:36 AM
पूरे जिले को चलाने वाले डी.सी. दफ्तर की थमी रफ्तार एक बार दोबारा से शुरू हो गई है, क्योंकि उधार के तेल से चलने वाली गाडिय़ों को
जालंधर (अमित): पूरे जिले को चलाने वाले डी.सी. दफ्तर की थमी रफ्तार एक बार दोबारा से शुरू हो गई है, क्योंकि उधार के तेल से चलने वाली गाडिय़ों को पैट्रोल पम्पों की तरफ से तेल की सप्लाई एक बार दोबारा से शुरू कर दी गई है। पैट्रोल पम्पों के डिफाल्टर बन चुके डी.सी. दफ्तर द्वारा लगभग 4.50 लाख रुपए का भुगतान किए जाने से गाडिय़ों में तेल डलना शुरू हो गया है। मगर बची हुई पेमैंट को लेकर और साथ ही नई उधारी को लेकर असमंजस की स्थिति बरकरार है और उक्त राशि का भुगतान कब होगा इसको लेकर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
यहां बताने योग्य है कि डी.सी. दफ्तर द्वारा पिछले 6 महीनों से पैट्रोल पम्पों की लाखों रुपए की राशि नहींं चुकाई गई थी जिसकी वजह से डिफाल्टरों पर शिकंजा कसने और कार्रवाई करने वाला डी.सी. दफ्तर कुछ लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों की वजह से खुद डिफाल्टरों की श्रेणी में आकर खड़ा हो गया था। पैट्रोल पम्प मालिकों द्वारा बार-बार मांगने पर भी बकाया राशि को अदा नहीं किया जा रहा था जिसके चलते पैट्रोल पम्प मालिकों की तरफ से उधारी का तेल डालने से साफ तौर पर मना कर दिया गया। इस मामले को ‘पंजाब केसरी’ की तरफ से प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था जिस उपरांत डी.सी. दफ्तर की जिला नाजिर शाखा की तरफ से कुल 9 लाख की पैंडिंग राशि में से एक पम्प को लगभग 4 लाख 22 हजार रुपए और डिवीजनल कमिश्नर दफ्तर की तरफ से 24 हजार रुपए का भुगतान करके किसी तरह अपनी इज्ज्जत बचाई गई।
दोनों दफ्तरों ने पैट्रोल पम्पों को आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही उनकी बकाया राशि का भुगतान भी कर दिया जाएगा और इसी बात का दिलासा देकर दोनों दफ्तरों ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान इस्तेमाल होने वाली गाडिय़ों में उधार का तेल डलवाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार केवल डी.सी. दफ्तर का लाजपत नगर स्थित यूनाइटेड सर्विस स्टेशन नामक एक पम्प का 6.5 लाख और डिवीजनल कमिश्नर दफ्तर का 1.50 लाख रुपए बकाया था। इसी तरह पिज्जा हट के नजदीक एक अन्य पैट्रोल पम्प केसर सॢवस स्टेशन का डी.सी. दफ्तर का लगभग 70 हजार रुपए बकाया था। जिला प्रशासन की तरफ 9 लाख की पुरानी बकाया राशि में से लगभग 4.50 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है और बाकी राशि को जल्दी ही चुकाने का वायदा किया गया है।