Edited By Updated: 24 Jan, 2017 08:28 AM
सब-रजिस्ट्रार दफ्तरों में अपने-अपने रजिस्ट्रेशन कार्यों के लिए आने वाली जनता जानकारी और जागरूकता के अभाव में बिना किसी कसूर के
जालंधर (अमित): सब-रजिस्ट्रार दफ्तरों में अपने-अपने रजिस्ट्रेशन कार्यों के लिए आने वाली जनता जानकारी और जागरूकता के अभाव में बिना किसी कसूर के परेशानी झेल रही है। इतना ही नहीं तहसील में काम करने वाले कुछ वसीका नवीसों द्वारा भी अपने ग्राहकों को सही मार्गदर्शन न दिए जाने की वजह से बहुत से लोग दिक्कतों का सामना करने पर मजबूर हैं। आए दिन तहसीलों में यह नजारा देखने को मिल जाता है कि कोई न कोई बुजुर्ग, बीमार या विकलांग व्हील चेयर पर बैठकर तहसीलदार दफ्तर में अपने-अपने रजिस्ट्रेशन कार्यों के लिए आते हैं। कई बार अधिकारियों के उपस्थित न होने या तहसील में अधिक भीड़ के चलते ऐसे व्यक्तियों को काफी तकलीफ उठानी पड़ती है। ऐसे व्यक्तियों के साथ आए उनके परिजनों को भी उन्हें घर से तहसील तक लेकर आने और वापस ले जाने के लिए विशेष प्रबंध करने पड़ते हैं और कई बार तो जो लोग इस तरह के सही प्रबंध करने में सक्षम नहीं होते हैं उन्हें अधिक तकलीफ उठानी पड़ती है। ऐसा ही एक मामला सोमवार को सामने आया जब एक अस्वस्थ महिला को उसके परिजन रजिस्ट्री करवाने के लिए एंबुलैंस में स्ट्रैचर के ऊपर लिटाकर तहसील में पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार महिला की हालात ज्यादा ठीक नहीं थी, और जैसे ही तहसीलदार-1 करणदीप सिंह भुल्लर को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने फौरन अपने कर्मचारियों के साथ बाहर जाकर बीमार महिला के साथ आए परिजनों को बताया कि उन्हें इस हालत में अपनी माता को यहां लाने की कोई जरूरत ही नहीं है,क्योंकि इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध है और उनके घर में ही जाकर उनकी माता की फोटो की जा सकती है, मगर उन्हें इसके लिए आवेदन जमा करवाना होगा।
क्या है ऐसे मामलों में कानून में दिया गया प्रावधान
कानून में दिए गए प्रावधानों के अंतर्गत विकलांगों, बीमार या अधिक बुजुर्ग व्यक्ति जो चल-फिर नहीं सकते उनको रजिस्ट्रेशन के लिए निजी रूप से उपस्थित होने से छूट प्राप्त है। रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 और मैन्युल में दिए गए प्रावधानों के अनुसार इस बात को स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी भी कारणवश तहसील में आ नहीं सकता है और वह अपनी रजिस्ट्री करवाना चाहता है तो वह अपने घर से ही फोटो करवा सकता है। इसके लिए एक आवेदन तहसीलदार के पास देना होता है, जिसमें असमर्थता का सही कारण और उसके साथ ही डाक्टर द्वारा इस संबंध में जारी सर्टीफिकेट की कापी लगानी होती है। तहसीलदार द्वारा आवेदन स्वीकार किए जाने के उपरांत आवेदक को 50 रुपए की एक फीस खजाने में जमा करवानी पड़ती है जिसके बाद तहसीलदार आवेदक के घर जाकर उसकी मौके पर फोटो करते हैं और दस्तावेज रजिस्टर कर दिया जाता है।
क्या हैं हिदायतें जिनका पालन करना अनिवार्य
इस प्रकार के आवेदन में सबसे पहले आवेदनकत्र्ता द्वारा जताई गई असमर्थता बिल्कुल सही होनी चाहिए और उनके द्वारा दिया गया कारण अगर किसी कारणवश गलत पाया जाता है, तो उनके खिलाफ बनती कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा जिस व्यक्ति की फोटो घर में की जानी है वह अपने पूरे होशोहवास में तहसीलदार के सारे सवालों का सही जवाब देने में समर्थ होना अनिवार्य है। इसके साथ ही इलाका नंबरदार और गवाहों की फोटो घर में करने के अलावा तहसीलदार के दफ्तर में भी की जाती है ताकि बाद में किसी किस्म की परेशानी पेश न आए।