Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Sep, 2017 07:58 AM
पटेल अस्पताल में उपचाराधीन 14 वर्षीय बालक के पिता ने अस्पताल के डाक्टरों पर गलत रिपोर्ट देने का आरोप लगाया है। कपूरथला निवासी हरप्रीत सिंह ने बताया कि उसने अपने 14 वर्षीय लड़के एकओमकार को बुखार के कारण 9 सितम्बर रात को............
जालंधर (रत्ता): पटेल अस्पताल में उपचाराधीन 14 वर्षीय बालक के पिता ने अस्पताल के डाक्टरों पर गलत रिपोर्ट देने का आरोप लगाया है। कपूरथला निवासी हरप्रीत सिंह ने बताया कि उसने अपने 14 वर्षीय लड़के एकओमकार को बुखार के कारण 9 सितम्बर रात को अस्पताल में दाखिल करवाया और 11 सितम्बर सुबह उसे स्टाफ ने बताया कि उसके बेटे के प्लेटलैट काऊंट सिर्फ 11 हजार रह गए हैं इसलिए रोगी को तुरंत प्लेटलैट चढ़ाने पड़ेंगे। उसके लिए डोनर का इंतजाम करो और पैसे जमा करवाओ।
हरप्रीत सिंह ने बताया कि उस वक्त उसने स्टाफ को बोल दिया कि लड़के को प्लेटलैट चढ़ा दो लेकिन दोपहर को जब उसने लड़के का ब्लड सैंपल अल्फा लैबोरेटरी भेजा तो वहां से मिली रिपोर्ट के मुताबिक प्लेटलैट लगभग 3 लाख थे। पटेल अस्पताल में ही शाम को फिर से किए गए ब्लड टैस्ट में भी प्लेटलैट की संख्या 3 लाख के करीब थी जिसे देख कर उसे शक हुआ कि पहले 11 हजार प्लेटलैट वाली रिपोर्ट गलत बनाई गई थी।
इसी बात को लेकर जब उसने मंगलवार सुबह पटेल अस्पताल के स्टाफ को कहा कि लड़के का इलाज करने वाले डाक्टर से मिलाया जाए ताकि वह पता कर सके कि आखिर रिपोर्ट में इतना फर्क कैसे आया। हरप्रीत सिंह ने बताया कि पटेल अस्पताल के स्टाफ ने जब उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया तो उसने अपने दोस्तों व परिजनों को फोन करके बुला लिया और सिख तालमेल कमेटी के तजिंद्र परदेसी, गुरमीत सिंह बिट्टू, हरपाल सिंह चड्ढा सहित कई कार्यकत्र्ता वहां पहुंच गए और उन्होंने पुलिस थाना नं. 4 में शिकायत दी। उधर लड़के का इलाज करने वाले डा. रोहित चोपड़ा ने बताया कि रिपोर्ट में जब प्लेटलैट कम आए तो उन्होंने प्लेटलैट चढ़ा दिए जिसके बाद बच्चे के प्लेटलैट सामान्य हो गए। उन्होंने कहा कि बच्चे के इलाज में कोई कोताही नहीं बरती गई।
शिकायत मिलने के उपरांत पुलिस थाना नं. 4 के एस.एच.ओ. ने संबंधित डाक्टर को थाने बुलाया लेकिन काफी देर तक जब डाक्टर वहां नहीं पहुंचे तो सिख तालमेल कमेटी के सदस्यों को गुस्सा आ गया। आखिर जब पटेल अस्पताल के डा. स्वप्न सूद, डा. रोहित चोपड़ा, डा. नवीन खन्ना, डा. संजय वधवा पुलिस थाने पहुंचे तो दोनों पक्षों में तीखी बहसबाजी शुरू हो गई और मामला बिगडऩे लगा। देखते ही देखते थाने में जहां डाक्टरों के समर्थक इकट्ठे हो गए वहीं सिख तालमेल कमेटी के सदस्य भी एकत्रित हो गए और उन्होंने अस्पताल व प्रबंधकों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी जिसके फलस्वरूप पुलिस थाना नं. 4 पुलिस छावनी में बदल गया तथा वहां पुलिस के कई उच्चाधिकारी भी पहुंच गए। अंत में देर शाम दोनों पक्षों में लिखित रूप से समझौता हो गया।