Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jul, 2017 04:24 PM
15 जुलाई को ईसाई समुदाय के पादरी सुलतान मसीह का सरेआम मर्डर कर दिया गया। उसके बाद एक सप्ताह बीत जाने पर भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा।
लुधियाना(महेश): 15 जुलाई को ईसाई समुदाय के पादरी सुलतान मसीह का सरेआम मर्डर कर दिया गया। उसके बाद एक सप्ताह बीत जाने पर भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा। लेकिन 24 जुलाई तक अगर ईसाई समुदाय के अल्टीमेटम पर पुलिस पूरी न उतर पाई और कातिल न पकड़े गए तो ईसाई समुदाय की नाराजगी पुलिस पर भारी पड़ सकती है।सूत्रों की मानें तो मौजूदा पुलिस कमिश्नर की कार्यप्रणाली और बढ़ रहे अपराध के कारण सरकार में सब कुछ सामान्य नहीं है। संभव है कि बड़े स्तर पर तबादले हो जाएं और पुलिस की कमान किसी ऐसी अधिकारी को मिले जो ऐसे हालातों से निपटने के लिए तजुर्बेकार हो।
एक तरफ जहां ईसाई समुदाय के वरिष्ठ लोग पुलिस कमिश्नर के अलावा डी.जी.पी. तक सवाल उठा रहे हैं, वहीं दिनोंदिन लुधियाना में बढ़ रही लूट की वारदातें और अपराधियों के बढ़ रहे हौसले उच्चाधिकारियों के गले की फांस बनते जा रहे हैं। दावे तो यहां तक हो रहे हैं कि अब लुधियाना में पुलिस कमिश्नर का विकल्प ढूंढ लिया गया है और उच्च पुलिस लॉबी ज्यादा देर तक ऐसा सब कुछ नहीं बर्दाश्त करने वाली। इस संबंध में सरकार के आदेशों का इंतजार हो रहा है। इस बारे में सभी उच्चाधिकारियों ने चुप्पी धारण कर रखी है।
24 के बाद सड़कों पर उतरेगा ईसाई समुदाय
पादरी मर्डर केस में पंजाब पुलिस की नाकामी को देखते हुए ईसाई समुदाय के प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि अगर 24 जुलाई तक पादरी सुल्तान मसीह के कातिलों की गिरफ्तारी न हुई तो पंजाब नहीं बल्कि देश में आंदोलन होगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस संबंध में आज टैंपल ऑफ गॉड (गिरजाघर) में बुलाई गई एक प्रैस कांफ्रैंस में एलबर्ट दुआ ने कहा कि 24 जुलाई को जालंधर बाईपास के निकट दाना मंडी में पादरी की याद में प्रार्थना सभा आयोजित की जा रही है। इसमें देश भर से उनके समुदाय के प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं।
ईसाई समुदाय को हल्के में न ले पुलिस: एलबर्ट दुआ
ईसाई समुदाय के प्रतिनधि एलबर्ट दुआ ने पुलिस को चेताया है कि उनके पादरी की हुई हत्या और उसके बाद पुलिस की कार्यप्रणाली दोनों की वजह से उनके समुदाय में बहुत रोष है। पुलिस इसको हल्के में न ले। उन्होंने कहा कि विदेशों से भी उनसे पूछा जा रहा है कि हत्यारे अब तक क्यों नहीं पकड़े गए। लोगों में आक्रोश लुधियाना या पूरे देश नहीं विदेश में भी है।
राजनीतिक नेताओं को खरी-खरी
दुआ ने संवेदना व्यक्त करने आने वाले राजनीतिज्ञों को चेतावनी दी है कि वे अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकनी बंद कर दें। वे लोगों की भावनाओं से न खेलें। अब तक जो भी नेता यहां आए हैं उन्होंने मौजूदा सरकार को ही कोसा है। उन्हें अपने दल की तरफ से पीड़ित परिवार को कोई भी सहायता मुहैया कराने या उसका ऐलान तक नहीं किया।
पास्टरों की बढ़ाई जाए सुरक्षा
एलबर्ट दुआ ने कहा कि पिछले कुछ समय से कुछ सामाजिक व शरारती तत्वों द्वारा उनके समुदाय के प्रतिनिधियों को टारगेट किया जा रहा है। उन्हें व्हाट्सएप पर सक्रिय एक विशेष ग्रुप के माध्यम से धमकियों भरे वॉयस मैसेज भेजे जा रहे हैं, जिसके चलते वह दहशत में हैं और उन्होंने इस संबंध में पुलिस कमिश्नर से भी शिकायत कर पास्टरों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।
सी.पी. साहिब ने मना किया है कुछ बताने से
पादरी हत्याकांड में जांच में जुटे करीब एक दर्जन से अधिक छोटे-बड़े अफसरों ने इस बारे में कुछ भी बोलने से मना कर दिया है। इसमें कुछ अफसर तो ऐसे भी शामिल हैं जो अपनी छोटी-सी उपलब्धि को मीडिया में बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने में माहिर हैं। उनका भी यही कहना है कि सी.पी. साहिब ने कुछ बोलने से मना किया है।