Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Mar, 2018 12:48 PM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के राज में भी बादलों का ट्रांसपोर्ट कारोबार पर पूरा दबदबा है।
चंडीगढ़: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के राज में भी बादलों का ट्रांसपोर्ट कारोबार पर पूरा दबदबा है। सत्ता से बाहर रहने के बावजूद भी बादल परिवार का ट्रांसपोर्ट कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है और उनकी बसों की संख्या में विस्तार हो रहा है। अकाली-भाजपा सरकार के समय कांग्रेस द्वारा बादलों पर ट्रांसपोर्ट पर कब्जे के आरोप लगाए जाते रहे हैं और आम आदमी पार्टी ने बादलों के ट्रांसपोर्ट कारोबार को बड़े स्तर पर उठाया भी था परन्तु अब कांग्रेस के राज में भी बादलों का यह कारोबार तरक्की कर रहा है। बादल परिवार की मालकी वाली कंपनियों में करीब 40 और बसें जुड़ने जा रही हैं। बादल परिवार की कंपनियों के मैनेजर चाहे खामोश हैं परन्तु डी.एम.एस. बस ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक ने सौदे की तस्दीक की है। उनकी कंपनी बादलों को सभी 14 बसों के पर्मिट बेच रही है।
इस संबंधित मिनी बस ऑपरेटर्स यूनियन के प्रधान जे. एस. ग्रेवाल ने चुनिन्दा कंपनियों के बढ़ते बस ट्रांसपोर्ट धंधे की सी. बी.आई. जांच मांगी है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर ट्रांसपोर्टरों को नुक्सान बर्दाश्त करना पड़ रहा है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर नई ट्रांसपोर्ट नीति लाने में देरी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सभी ट्रांसपोर्टरों को एक जैसे मौके देने के वादा किया था परन्तु हकीकत में कोई फर्क दिखाई नहीं दे रहा है। यूनियन के नुमायंदों ने बताया कि जहां बादलों की बसों को अड्डों पर 10 मिनट तक रुकने का समय मिलता है, वहीं उनकी बसों को 2 मिनट से अधिक का समय तक नहीं मिलता जिससे बादलों की बसें मुनाफा कमा रही हैं।