Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Aug, 2017 12:06 PM
शिअद (बादल) की मान्यता रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सिविल जज (प्रथम श्रेणी) गुरशेर सिंह की अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को तय की है। याचिकाकर्ता बलवंत सिंह खेड़ा की तरफ से अदालत में एडवोकेट बी.एस. रियाड़ व एडवोकेट हितेष पुरी...
होशियारपुर(अमरेन्द्र): शिअद (बादल) की मान्यता रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सिविल जज (प्रथम श्रेणी) गुरशेर सिंह की अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को तय की है। याचिकाकर्ता बलवंत सिंह खेड़ा की तरफ से अदालत में एडवोकेट बी.एस. रियाड़ व एडवोकेट हितेष पुरी शामिल हुए।
खेड़ा ने बताया कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश परअदालत में जरूरी दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने बताया कि शिअद (बादल) ने पार्टी का नया विधान बनाने के लिए 1.1.2004 को कमेटी बनाई थी। इसमें दलजीत सिंह चीमा, सुखदेव सिंह ढींढसा, बलविंद्र सिंह भूदड़, रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, प्रधान शिरोमणि कमेटी कृपाल सिंह बडूंगर, महेश इंद्र सिंह ग्रेवाल लुधियाना आदि ने जनरल हाऊस से पास करवाए बिना 2004 में भारत के चुनाव आयोग को नया विधान अंग्रेजी में छपा हुआ भेज दिया था।
इस प्रकार इस पार्टी के बड़े नेताओं ने विधान, कानून व लोगों के साथ धोखा किया है। इस लिए इनकी मान्यता खत्म की जाए और कानूनी कार्रवाई की जाए। गौरतलब है कि याचिककर्ता बलवंत सिंह खेड़ा ने 2009 में झूठा हलफनामा देने और पार्टी के 2 अलग-अलग विधान रखने के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई थी कि यह पार्टी धार्मिक चुनावों में भाग लेती है और अपने आप को धर्मनिरपेक्ष होने का वायदा भी करती है।