CBSE के Students के लिए बड़ी खबर, जारी हुआ नया सर्कुलर

Edited By Kalash,Updated: 15 Apr, 2024 10:49 AM

news regarding exams for cbse students

अब विद्यार्थियों को परीक्षा में लंबे-लंबे उत्तर लिखने के लिए विषयों को रटना नहीं पड़ेगा

लुधियाना (विक्की): अब विद्यार्थियों को परीक्षा में लंबे-लंबे उत्तर लिखने के लिए विषयों को रटना नहीं पड़ेगा। हाल ही में सी.बी.एस.ई. ने नया सर्कुलर जारी किया है। इसके अनुसार अब कक्षा 11वीं और 12वीं की परीक्षाओं में कॉम्पिटेंसी फोकस्ड सवालों की संख्या बढ़ाई जाएगी। यानी 12वीं बोर्ड में अब कॉम्पिटेंसी बेस्ड सवाल जैसे मल्टीपल च्वॉइस क्वैश्चन (एम.सी.क्यू.), केस स्टडी और रियल लाइफ बेस्ड सवाल बढ़ाए जाएंगे।

वहीं, लॉन्ग और शॉर्ट आंसर टाइप सवालों को घटाकर सिर्फ 30 फीसदी रखा जाएगा। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को विषय को रटने की आदत से बाहर निकालना और उन्हें प्रतियोगिता परीक्षा के लिए तैयार करना है क्योंकि इन परीक्षाओं में एप्लीकेशन बेस्ड सवाल ज्यादा पूछे जाते हैं। स्कूल से निकलते ही आगे करियर चुनने के लिए विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं का सामना करना होता है। ऐसे में उनको स्कूल स्तर पर तैयार करने के लिए यह बदलाव किया जा रहा है। फिलहाल 9वीं और 10वीं की परीक्षाओं में कोई बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन 2025 में 11वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों को यह बदलाव पेपर में देखने को मिलेंगे।

2024 में यह था बोर्ड परीक्षा पैटर्न

40 फीसदी एम.सी.क्यू., केस आधारित सवाल, सोर्स बेस्ड इंटीग्रेटेड सवाल (कॉम्पिटैंसी फोकस्ड सवाल)
20 फीसदी मल्टीपल टाइप च्वॉइस (सलेक्टेड रिस्पॉन्स टाइप)
40 फीसदी शॉर्ट और लॉन्ग आंसर वाले सवाल (कंस्ट्रक्टेड रिस्पॉन्स वाले सवाल)

2025 में ऐसी होगी बोर्ड परीक्षा

50 फीसदी एम.सी.क्यू., केस आधारित सवाल, सोर्स बेस्ड इंटीग्रेटेड सवाल (कॉम्पीटैंसी फोकस्ड सवाल)
20 फीसदी फीसदी मल्टीपल टाइप चॉइस (सिलेक्टेड रिस्पॉन्स टाइप)
30 फीसदी शॉर्ट और और सवाल (कंस्ट्रक्टेड रिस्पॉन्स वाले सवाल)

क्या कहते हैं सी.बी.एस.ई. के सिटी को-ऑर्डीनेटर

सी.बी.एस.ई. के सिटी को-आर्डीनेटर डा. ए.पी. शर्मा ने बताया कि परीक्षा में अब तक लंबे-लंबे उत्तर स्टूडैंट को लिखने होते थे। अब ऐसे सवालों को कम कर दिया जाएगा ताकि स्टूडैंट को रटने की आदत से छुटकारा दिलवाया जा सके। इस नए पैटर्न से स्टूडैंट की एनालिटिकल स्किल को परखा जाएगा। वहीं, कॉन्सेप्ट बेस्ड प्रश्नों से स्टूडैंट में विषयों की प्रैक्टिकल नॉलेज बढ़ेगी और रचनात्मक सोच भी विकसित होगी। इंटीग्रेटेड प्रक्रिया के होने से सभी विषय आपस में जुड़े होंगे। अभी तक अलग-अलग विषय पढ़ाए जाने से एक विषय की जानकारी दूसरे विषय में लागू नहीं कर पाते थे, लेकिन इस तरीके से यह गैप खत्म हो जाएगा।

टीचर टॉपिक्स को रियल लाइफ एग्जाम्पल से पढ़ाएंगे

पैटर्न में बदलाव से टीचर को भी पढ़ाने के तरीके बदलने होंगे। अब टीचर को टॉपिक लॉजिक के साथ समझाने के लिए किताब से पढ़ाने के अलावा प्रैक्टिकल और रियल लाइफ एग्जाम्पल भी देने होंगे। इसके लिए सी.बी.एस.ई. टीचर्स को ट्रेनिंग दे रहा है। इसके अलावा स्टूडैंट को थीम बेस्ड एक्टीविटी से जोड़ा जाएगा। फील्ड ट्रिप, वर्कशॉप, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के जरिए भी पढ़ाया जाएगा।

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