Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jul, 2017 05:01 PM
पंजाब में कोई भी बिल्डिंग बनाने के लिए रिश्वत देना जरूरी होने की रिवायत अब बीते जमाने की बात हो जाएगी। इसके तहत लोकल बॉडीज मंत्री ने
लुधियाना (हितेश): पंजाब में कोई भी बिल्डिंग बनाने के लिए रिश्वत देना जरूरी होने की रिवायत अब बीते जमाने की बात हो जाएगी। इसके तहत लोकल बॉडीज मंत्री ने ऑनलाइन सिस्टम के जरिए नक्शा पास करने संबंधी योजना पर अमल तेज कर दिया है।
90 फीसदी बिल्डिंगों के नक्शे पास नहीं हैं
सिद्धू पहले ही कह चुके हैं कि पंजाब में अवैध निर्माणों की भरमार लगी होने की जड़ नक्शे पास करने में आ रही दिक्कत है। जिसका हल बिचौलिए खत्म करने से होगा। उसके लिए वह शुरू से ही ऑनलाइन सिस्टम लागू करने पर जोर दे रहे हैं। उसमें नक्शे पास करने का पहलू भी शामिल होगा। इस बारे में गत दिवस उन्होंने पूरे पंजाब की नगर निगमों से आए बिल्डिंग ब्रांच के साथ मंथन किया। सिद्धू ने कहा कि इस समय 90 फीसदी बिल्डिंगों के नक्शे पास नहीं हैं और लोग नक्शा पास करवाने में काफी समस्या आने का हवाला दे रहे हैं। लोगों का आरोप है कि रिश्वत दिए बिना कोई काम करवाना मुश्किल है क्योंकि ऐसा न करने वालों की फाइलों पर बिना वजह एतराज लगाकर परेशान किया जाता है। इसके हल के लिए वह सितम्बर तक हर हाल में ऑनलाइन सिस्टम लागू करना चाहते हैं। इसके लिए मुलाजिमों को अब से ही ट्रेङ्क्षनग देना शुरू करने के लिए कहा गया।
यह होगा सिस्टम
ऑनलाइन सिस्टम के तहत लोग को मंजूरशुदा आर्कीटैक्टों के जरिए अपना नक्शा निगम के पास जमा करवाना होगा। जो सर्टीफाई करेंगे कि नक्शा बिल्डिंग बायलाज के मुताबिक बनाया गया है या नहीं। फिर सॉफ्टवेयर के जरिए इसकी चैकिंग होगी और जो कोई सुधार की जरूरत होगी, उस बारे में आवेदनकत्र्ता को सूचित कर दिया जाएगा। जिन खामियों को दूर करने के बाद दोबारा नक्शा जमा होने पर अगर सिस्टम ने मोहर लगा दी तो फीस जमा होने के बाद मंजूर माना जाएगा।
पहले से कम होगी डैडलाइन
इस समय राइट-टू-सर्विसएक्ट के तहत रिहायशी नक्शे के लिए एक महीना तथा कमर्शियल नक्शे पास करने के लिए 2 महीने की डैडलाइन तय है। अब ऑनलाइन सिस्टम लागू करने पर यह समय-सीमा रिहायशी के लिए 10 व कमर्शियल नक्शों के लिए 20 दिन हो जाएगी। इसके मुताबिक काम न करने वाले अफसरों पर कार्रवाई का प्रावधान भी नए सिस्टम में रखा जाएगा।
सरकार की दखलंदाजी पर लगेगी लगाम, बढ़ेगा निवेश व रोजगार
अगर यह सिस्टम सफल रहा तो सरकार की दखलंदाजी खत्म होने से नया निवेश व रोजगार भी बढ़ेगा क्योंकि इस समय 500 गज से ऊपर के नक्शे टैक्नीकल मंजूरी के लिए चंडीगढ़ भेजे जाते हैं। जहां टाऊन प्लाङ्क्षनग विंग के बाद लोकल बॉडीज डायरैक्टर, सैक्रेटरी व मंत्री तक की मंजूरी लेने का प्रावधान है लेकिन वहां से लगे एतराज दूर करने के चक्कर में ही सालों तक नक्शे लटके रहते हैं। लेकिन नक्शे पास बारे कमेटी बनाने के बावजूद एक बार ही एतराज लगाने का सिस्टम लागू नहीं हो पाया। अब ऑनलाइन सिस्टम के तहत नक्शा पास करने के लिए चंडीगढ़ भेजने की जरूरत नहीं और उससे नया निवेश आने से रोजगार भी बढ़ेगा।