केंद्र ने ठुकराया 550वें प्रकाशोत्सव संबंधी 2145.31 करोड़ का प्रस्ताव: सिद्धू

Edited By swetha,Updated: 09 Oct, 2018 08:15 AM

navjot sidhu

पंजाब के पर्यटन व स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मोदी सरकार की ‘अडॉप्ट ए हैरीटेज’ स्कीम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब के पर्यटन व स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मोदी सरकार की ‘अडॉप्ट ए हैरीटेज’ स्कीम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सिद्धू ने साफ किया कि पंजाब की धरोहरों को किसी कॉर्पोरेट घराने की कमाई का साधन नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार पंजाब की धरोहरों के संरक्षण को लेकर संजीदा है तो यह कार्य कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सीबिलिटी तहत किया जाए। सिद्धू ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव संबंधी पंजाब सरकार द्वारा तैयार किए गए 2145.31 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। हाल ही में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने प्रकाशोत्सव-स्मरणोत्सव संबंधी नैशनल इम्पीलैंशन कमेटी की बैठक बुलाई थी।

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इसमें पंजाब सरकार के एक भी नुमाइंदे को आमंत्रित नहीं किया गया। बैठक में बताया गया कि पंजाब सरकार के प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा सकता, क्योंकि स्मरणोत्सव व प्रकाशोत्सव के लिए मंत्रालय के पास केवल 100 करोड़ रुपए की ही ग्रांट है। उसमें भी 54 करोड़ रुपए पहले ही खर्च किए जा चुके हैं।  सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार के पास श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव को मनाने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। कैप्टन अमरेंद्र सिंह पहले ही समागम के लिए 200 करोड़ रुपए जारी कर चुके हैं। आगे भी यह खर्च पंजाब सरकार वहन करने की समर्था रखती है। पंजाब सरकार ने प्रकाशोत्सव प्रोजैक्ट्स के लिए 1050 करोड़ रुपए जबकि निर्माण योजनाओं के लिए 1095.31 करोड़ रुपए की मांग की थी।

सिद्धू ने अडॉप्ट स्कीम को लेकर लिखा पत्र
सिद्धू ने अडॉप्ट स्कीम बाबत केंद्रीय पर्यटन मंत्री के.जे. अल्फोंस को पत्र लिखा है। पत्र में सिद्धू ने लाल किले पर उपजे विवाद का जिक्र करते हुए लिखा कि केंद्र सरकार पंजाब की किसी भी धरोहर संबंधी निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं पर गौर फरमाए ताकि बाद में किसी तरह के विरोध की कोई गुंजाइश न हो। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने लाल किले के संरक्षण का जिम्मा डालमिया भारत ग्रुप को सौंप दिया है जिस पर काफी विवाद हुआ था। सिद्धू के मुताबिक उन्हें किसी भी कॉर्पोरेट हाऊस से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन अडॉप्शन के नाम पर रैवेन्यू जैनरेशन नहीं होने दिया जाएगा। इसलिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय से आग्रह किया गया है कि अडॉप्ट की गई धरोहर में किसी भी तरह की टिकट वसूली न की जाए। साथ ही किसी भी कॉर्पोरेट घराने की तख्तियां न लगाई जाएं। धरोहरों का संरक्षण केवल सामाजिक दायित्व समझा जाए।

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पंजाब ने भेजा था 7 धरोहरों का प्रस्ताव
अडॉप्ट ए हैरीटेज स्कीम तहत पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार को 7 धरोहरों का प्रस्ताव भेजा था। इनमें अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग, गुरदासपुर में तख्त-ए-अकबरी, एस.बी.एस. नगर में शहीद भगत सिंह म्यूजियम, फिरोजपुर में राष्ट्रीय शहीद स्मारक, गुरुद्वारा श्री आनंदपुर साहिब के आसपास का इलाका, गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब के आसपास का इलाका और गुरुद्वारा श्री चमकौर साहिब के आसपास के इलाके के संरक्षण की बात कही गई थी।

जलियांवाला बाग के लिए एक्सप्रैशन ऑफ इंट्रस्ट मंजूर 
बेशक सिद्धू केंद्रीय स्कीम पर एतराज जता रहे हों लेकिन केंद्र सरकार ने जलियांवाला बाग के संरक्षण को लेकर एक्सप्रैशन ऑफ इंट्रस्ट मंजूर कर दिया है। हालांकि सिद्धू ने साफ किया कि अगर केंद्र सरकार पंजाब की धरोहरों को किसी निजी हाथों में सौंपने की कोशिश करती है तो सरकार खुद अपने स्तर पर धरोहरों का संरक्षण करने में सक्षम है। 

कैबिनेट में आएगी वन टाइम सैटलमैंट पॉलिसी
सिद्धू ने कहा कि नगर निगम के दायरे में अवैध निर्माणों के लिए पंजाब सरकार जल्द ही वन टाइम सैटलमैंट पॉलिसी लाने की तैयारी में है। संभवत: अगली कैबिनेट बैठक में इस पॉलिसी को अमलीजामा पहना दिया जाएगा।

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