Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Sep, 2017 09:30 AM
वैसे तो लोकल बाडीज का मतलब स्थानीय सरकार और निचले स्तर तक लोकतंत्र होता है
जालंधर (खुराना): वैसे तो लोकल बाडीज का मतलब स्थानीय सरकार और निचले स्तर तक लोकतंत्र होता है परन्तु अगले कुछ महीनों के लिए लोकल बाडीज का महत्वपूर्ण स्तम्भ यानी जालंधर नगर निगम लोकतांत्रिक प्रक्रिया से दूर होकर अगले कई महीनों के लिए अफसरों के हवाले हो गया है।
इस प्रकार अब शहर के विकास तथा पब्लिक के अन्य कार्यों के लिए शहर के चारों कांग्रेसी विधायक परगट सिंह, राजिन्द्र बेरी, बावा हैनरी व सुशील रिंकू आल-इन-आल होंगे जो नगर निगम कमिश्रर डा. बसंत गर्ग, जिन्हें पंजाब सरकार ने जालंधर निगम का प्रशासक नियुक्त किया है, को समय-समय पर निर्देश देते रहेंगे।
क्या विधायक कौंसलरों जैसा काम कर पाएंगे?
पंजाब सरकार ने नगर निगम चुनावों में देरी करके निगम को अफसरों के हवाले तो कर दिया है परन्तु अब बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेसी विधायक कौंसलरों जैसी भूमिका अदा कर पाएंगे। गौरतलब है कि कौंसलरों को अपने वार्ड की हर छोटी-बड़ी समस्या निगमाधिकारियों के पास उठाते देखा जाता है और कौंसलर ही अपने वार्ड निवासियों के छोटे-मोटे काम करवाने अक्सर निगम आते-जाते रहते हैं। अब सारे कौंसलरों के अधिकार समाप्त हो गए हैं और ऐसे में देखना होगा कि क्या विधायक अपने क्षेत्रों के डेढ़-डेढ़ लाख लोगों का उचित प्रतिनिधित्व कर पाएंगे और क्या इतना समय निकाल पाएंगे। वैसे इस समय का सदुपयोग अगले निगम चुनावों के सम्भावित उम्मीदवारों को सक्रिय करके किया जा सकता है परन्तु इसे लेकर भी विधायकों को काफी कठिनाइयां आ सकती हैं क्योंकि टिकटों के चाहवानों की संख्या काफी ज्यादा है।
अंतिम दिन भी एक्टिव रहे मेयर
अपने कार्यकाल के अंतिम दिन भी मेयर सुनील ज्योति काफी एक्टिव रहे। उन्होंने आज कपूरथला रोड क्षेत्र का दौरा करके वहां सड़क निर्माण के कार्य का जायजा लिया और चल रहे काम पर तसल्ली व्यक्त की। क्षेत्र निवासियों ने मेयर का इस कार्य के लिए आभार भी व्यक्त किया।
अकाली-भाजपा पार्षदों ने एक-दूसरे को कहा बाय-बाय
5 साल का कार्यकाल समाप्त होने से चंद घंटे पहले अकाली-भाजपा पार्षदों ने आज माडल टाऊन स्थित मेयर हाऊस में इक_े होकर अंतिम यादगारी सामूहिक चित्र ङ्क्षखचवाया और एक दूसरे को बाय-बाय कह कर इस कार्यकाल हेतु विदायगी दी। इस अवसर पर कई खट्टे-मीठे स्मरण भी किए गए।