Edited By Updated: 28 Mar, 2017 02:00 PM
नगर निगम भटिंडा की ओर से 31 मार्च को वर्ष 2017-18 के लिए 137.79 करोड़ रुपए का बजट पेश किया जाएगा जबकि पिछले साल निगम द्वारा
भटिंडा(परमिंद्र): नगर निगम भटिंडा की ओर से 31 मार्च को वर्ष 2017-18 के लिए 137.79 करोड़ रुपए का बजट पेश किया जाएगा जबकि पिछले साल निगम द्वारा करीब 120 करोड़ का बजट पारित किया गया था। हालांकि निगम को इस बार आमदन कुछ अधिक होने की संभावना है। हालांकि नगर निगम पर करोड़ों रुपए का कर्ज भी है लेकिन महानगर में चल रहे विकास के कार्यों व अन्य मैंटीनैंस के कामों के लिए निगम को कई प्रकार की तरकीबें भी लगानी पड़ेंगी। बजट में अधिकांश खर्च अमले तथा रखरखाव पर ही करने की तजवीज है जबकि शहर के विकास के कार्यों के लिए महज 13 करोड़ रुपए ही रखे गए हैं। बेशक पिछले साल के मुकाबले विकास कार्यों पर होने वाला खर्च बढ़ाया गया है।
कहां जाएगा कितना पैसा
कमिटिड खर्च के तहत नगर निगम के स्टाफ के वेतन पर कुल 7792.10 लाख रुपए खर्च होंगे। इसके साथ ही कंटीजैंसी (औचक खर्चे) के तहत 176 लाख रुपए की तजवीज रखी गई है व उक्त पैसा स्टेशनरी, बिजली बिल, वाहन मुरम्मत, टैलीफोन खर्च, कम्प्यूटर व फोटोस्टेट, वॢदयों, फर्नीचर, गाडिय़ों के बीमे, समाचार पत्रों के खर्चे, फायर ब्रिगेड के खर्च, पब्लिक नोटिस तथा अन्य कार्यों पर खर्च होगा। इसके अलावा जरूरी मैंटीनैंस के लिए 4,975 लाख रुपए की तजवीज है जिसमें से वाटर सप्लाई व सीवरेज, वाटर सप्लाई सीवरेज के बिजली बिल, सीवरेज मैंटीनैंस, कर्ज व ब्याज वापसी, जमीनों का मुआवजा, स्ट्रीट लाइटों की देखरेख, सफाई के सामान, मशीनरी व अन्य सामान के टैंडरों, पार्कों के रखरखाव, सॉलिड वेस्ट गार्बेज कलैक्शन, गौशाला को डाइट मनी, कई योजनाओं, डायरैक्टोरेट खर्च, इलैक्शन खर्च, ऑडिट फीस व कानूनी सेवाओं की अदायगी की जाएगी।
विकास कार्यों के लिए 13.15 करोड़
नॉन कमिटिड विकास के कार्यों के लिए 13.15 करोड़ रुपए की तजवीज रखी गई है। इसमें से नई सड़कों के लिए 2.50 करोड़, सड़कों की मुरम्मत हेतु 2 करोड़, नालियों के लिए 15 लाख, वाटर सप्लाई के नए काम (सीवरेज बोर्ड/पब्लिक हैल्थ) हेतु 1 करोड़, वाटर सप्लाई के नए काम (नगर निगम) 50 लाख, सीवरेज के नए काम (सीवरेज बोर्ड) 2 करोड़, सीवरेज के नए काम (नगर निगम) 50 लाख, डी.बी. पेविंग हेतु 50 लाख, नए पार्कों हेतु 75 लाख, पब्लिक टॉयलैट हेतु 50 लाख, नई स्ट्रीट लाइट हेतु 75 लाख, स्लम क्षेत्रों के लिए 50 लाख के अलावा एस.टी.पी. व अन्य खर्चों के लिए 1.50 करोड़ रुपए रखे गए हैं।
निगम पर 35 करोड़ का कर्ज
विभिन्न विकास कार्यों के लिए नगर निगम भटिंडा द्वारा हुडको से कर्ज लिया जाता है जिसका भी नगर निगम पर भारी बोझ रहता है। नगर निगम पर अब भी हुडको का 35 करोड़ से अधिक का कर्ज है। 2013-14 में निगम ने हुडको से करीब 8.75 करोड़, 2015-16 में 17.50 करोड़ तथा 2016-17 में निगम ने हुडको से 17.50 करोड़ रुपए बतौर कर्ज हासिल किए। उक्त राशि 43.75 करोड़ रुपए बनती है। इसमें से निगम ने इस साल 7,87,50,000 रुपए कर्ज वापस कर दिया जबकि अब भी निगम पर 35 करोड़ से अधिक कर्ज बकाया है। निगम उक्त कर्ज के लिए हुडको को पिछले 3 सालों के दौरान 6.41 करोड़ रुपए का ब्याज भी अदा कर चुका है। गौरतलब है कि महानगरवासियों को 100 फीसदी पानी व सीवरेज की सुविधा मुहैया करवाने वाले 288 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट के तहत भी हुडको से 105 करोड़ रुपए के कर्ज लेने की तजवीज मंजूर की गई है।
कहां से आएगा कितना पैसा
नगर निगम को इस बार कुल 13779.50 की आमदन की तजवीज रखी गई है। इसमें से वैट से 76.83 करोड़, प्रॉपर्टी व हाऊस टैक्स से 11.50 करोड़, फायर सैस से 35 लाख, विज्ञापन कर से 2.60 करोड़, रैंट से 1 करोड़, तहबाजारी/पार्किंग आदि से 15 लाख, लाइसैंस-व्हीकल फीस से 10.50 लाख, बिल्डिंग फीस से 1.40 करोड़, बिल्डिंग राजीनामा से 60 लाख, विकास चार्जिस से 2 करोड़, चेंज ऑफ लैंड यूज से 1.80 करोड़, मलबा फीस से 28 लाख, वाटर सप्लाई चार्जिस (बिल्डिंग शाखा) से 72 लाख, काऊ सैस से 3.25 करोड़, बिल्डिंग रैगूलाइजेशन 70 लाख, एक्साइज ड्यूटी से 7 करोड़ व अन्य साधनों से 1.63 करोड़ की आमदन का अनुमान है। इसके अलावा वाटर सप्लाई सीवरेज (डिमांड व बकाया) तथा इसके अन्य संसाधनों से 10.87 करोड़ तथा सेल ऑफ लैंड से 15 करोड़ की आमदन की तजवीज रखी गई है।