Edited By Updated: 17 Dec, 2016 10:40 AM
नगर निगम कमिश्नर की कुर्सी सरकार की नजर में मजाक की पात्र बनकर रह गई है। 24 घंटे के भीतर लगातार दूसरे अफसर का तबादला किया गया है।
लुधियाना (हितेश): नगर निगम कमिश्नर की कुर्सी सरकार की नजर में मजाक की पात्र बनकर रह गई है। 24 घंटे के भीतर लगातार दूसरे अफसर का तबादला किया गया है। बुधवार को के.पी. बराड़ का स्पैशल सैक्रेटरी फ्रीडम फाइटर के रूप में तबादल किया गया था। उनकी जगह डिप्टी सी.एम. के साथ अटैच लोक सम्पर्क विभाग के ज्वाइंट सैक्रेटरी उमा शंकर गुप्ता को निगम कमिश्नर की जिम्मेदारी सौंपी, साथ ही ग्लाडा के चीफ का चार्ज भी दे दिया। गुप्ता ने वीरवार सुबह चार्ज संभाला और अफसरों के साथ मीटिंगें करके जरूरी निर्देश भी जारी किए। इसी बीच वीरवार देर शाम को एक नए आदेश जारी करके सरकार ने डी.सी. रवि भगत को कमिश्नर का भी एडीशनल चार्ज दे दिया। ऐसे में कहा जा सकता है कि वह चार्ज गुप्ता के पास ही रहेगा। इस चक्कर में निगम का काम 3 दिन से रुका पड़ा है क्योंकि बराड़ ने बदली से एक दिन पहले आई फाइलों को बिना क्लीयर किए वापस लौटा दिया है जबकि गुप्ता को किसी पेपर पर साइन करने का समय ही नहीं मिला। यहां तक कि डी.सी. तो यह जिम्मेदारी संभालने के इच्छुक ही नहीं बताए जाते।
सीनियर-जूनियर का विवाद गर्माने के चर्चे
इस उठा-पटक के पीछे सीनियर-जूनियर का विवाद गर्माने के भी चर्चे हैं क्योंकि गुप्ता एक पी.सी.एस. अधिकारी हैं जबकि उनके कमिश्नर लगने पर यहां तैनात आई.ए.एस. अफसर सुरभि मलिक व एक अन्य सीनियर पी.सी.एस. अमृत कौर गिल को सीधा उनके अंडर काम करना पड़ेगा। वह इससे सहमत नहीं हुए। इस पर सुरभि ने वीरवार को ही छुट्टी ले ली थी और पहले से छुट्टी पर चल रही मैडम गिल ने भी सरकार के पास इस फैसले को लेकर एतराज जताया था।
अवैध होर्डिंगों पर बढ़ेगी सख्ती
यह सारा विवाद अवैध होर्डिंगों से जुड़ा है क्योंकि निगम ने 8 दिसम्बर की मोगा रैली संबंधी लगे अकाली दल के होर्डिंगों को चुनाव आयोग के आदेशों का हवाला देते हुए उतार दिया था। चंडीगढ़ तक शिकायत पहुंचने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ और बैंस ब्रदर्ज द्वारा ‘आप’ से मिलकर की जाने वाली रैली के होर्डिंगों की भरमार लग गई। जो बोर्ड 2 दिन बाद तक लगे रहने का मामला भड़क गया और उसकी गाज सीधे कमिश्नर लेवल के अफसर पर गिरी। सरकार की सख्ती के बाद निगम अधिकारी दिन-रात फील्ड में उतरकर होर्डिंगों पर डंडा चला रहे हैं। इसके तहत फिलहाल मेन सड़कों व सरकारी बिल्डिंगों पर लगे होर्डिंगों को निशाना बनाया जा रहा है।
दूसरे विभागों पर भी सौंपी जिम्मेदारी
चुनाव आयोग के आदेशों के मुताबिक किसी
सरकारी बिल्डिंग या प्रापर्टी पर सियासी होर्डिंग लगाए जाने पर उस विभाग का अधिकारी जवाबदेह होगा। इसका हवाला देते हुए निगम ने दूसरे विभागों को भी बनती जिम्मेदारी निभाने के लिए कहा है, जिसमें बिजली विभाग को अपने खंभों पर लगे विज्ञापन उतारने की नसीहत दी गई है। यही बात एडीशनल कमिश्नर द्वारा जारी पत्रों में मार्कीट कमेटी, पी.डब्ल्यू.डी., सेहत विभाग को भेजे पत्र में कही गई है कि अपनी बिल्डिंगों या प्रापर्टी पर लगे विज्ञापनों को वह खुद उतरवाएं।