पंचायती जमीनों व सड़कों पर बने थाने, अधिकतर पुलिस थानों के पास नहीं है अपनी इमारतें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jul, 2017 01:00 PM

most of the police stations do not own buildings

पंजाब सरकार ने राज्य के सभी थानों को आई.एस.ओ. रैंक स्तर का बनाने में चाहे महारत हासिल कर ली हो या फिर पंजाब के सभी थानों में पुलिस द्वारा दी जा रही सुविधाएं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अनुसार ही प्रदान की जाती हों परन्तु राज्य में आज भी बहुत से पुलिस...

संगरूर(बावा): पंजाब सरकार ने राज्य के सभी थानों को आई.एस.ओ. रैंक स्तर का बनाने में चाहे महारत हासिल कर ली हो या फिर पंजाब के सभी थानों में पुलिस द्वारा दी जा रही सुविधाएं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अनुसार ही प्रदान की जाती हों परन्तु राज्य में आज भी बहुत से पुलिस थानों के पास अपनी, इमारतें तक नहीं हैं। राज्य में अमन और कानून की स्थिति बनाने वाली पंजाब पुलिस के बहुत से थाने गांवों की पंचायती जमीन, सेहत विभाग, नहरी विभाग, मंडी बोर्ड या फिर पी.डब्ल्यू.डी. विभाग की सरकारी जमीनों को लीज पर लेकर अपना काम चला रहे हैं।

यदि जिला संगरूर की बात की जाए तो जिला संगरूर में 22 थाने, 11 पुलिस चौकियां, जेल पोस्टों और एक एन.आर.आई. थाने के अलावा एक अलग सी.आई.ए. बहादर सिंह वाला में विंग स्थापित हैं। बहुत से थानों में चाहे सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की गई हैं, थानों में खाने-पीने के लिए मैस का प्रबंध है। मुलाजिमों के रहने के लिए रिहायशी मकान हैं, फिर भी कुछ कमियां हैं जिनकी ओर राज्य सरकार व पुलिस विभाग को नजरसानी करने की जरूरत है। जिला पुलिस का खुफिया विंग एक मोटरसाइकिल पर करता है जानकारी एकत्र : जिला पुलिस का खुफिया विंग जिसको स्पैशल विंग भी कहा जाता है, को सरकारी तौर पर कोई सुविधा प्राप्त नहीं है।

विंग के इंचार्ज को जिले में चौकसी रखने के लिए पुलिस विभाग ने चाहे एक मोटरसाइकिल मुहैया करवाया हुआ है परंतु इंचार्ज के अलावा जिले के हर थाने में तैनात स्पैशल विंग के कर्मचारी के पास 20 से 25 गांव होते हैं, इन गांवों की वह कर्मचारी किस तरह खुफिया जानकारी मुहैया करवाता होगा यह तो विभाग ही जानता है। खुफिया विभाग के कर्मचारी निजी वाहन पर अपने पैसे खर्च करके खुफिया रिपोर्ट तैयार करते हैं। यह कारण है कि सुविधाओं से रहित जिला पुलिस का खुफिया विभाग बहुत सारी खुफिया रिपोर्टें देने में असहायक सिद्ध होता है। 

असुरक्षित है थाना सिटी मालेरकोटला 
मालेरकोटला थाना सिटी-2 जो.पी.डब्ल्यू.डी. बी. एंड आर. की इमारत में स्थित है। इस इमारत में काम करते कर्मचारी और अधिकारी खौफ के साए में अपनी सरकारी ड्यूटी करते हैं। यह इमारत बहुत पुरानी होने के कारण इसको सरकारी तौर पर असुरक्षित ऐलान किया हुआ है फिर भी इस इमारत में पुलिस थाना चलाया जा रहा है।  थाना इंचार्ज मजीद खान ने बताया कि थाने की नई इमारत के लिए विभाग को सूचित किया गया है। वैसे समय-समय पर इस इमारत की मुरम्मत करवाई जाती है। उन्होंने माना कि इमारत बहुत पुरानी और खस्ताहालत में है।

थानों के मालखानों का रखरखाव
जिले के थानों और जेल पोस्टों में बने मालखानों का रब ही राखा है। एक्सीडैंट, चोरी, दहेज या फिर नशा तस्करों की तरफ से पकड़े वाहन थानों के खुले बरामदों का शृंगार बने हुए हैं। यहां तक कि जिले की एक चौकी और थाने के वाहन एक खुली अनाज मंडी में रखे हुए हैं। जहां उनके साथ कोई भी अपनी मर्जी से छेड़-छाड़ कर सकता है। 

अनाज मंडी में पड़ा समान ऐसे लगता है जैसे किसी कबाड़ी की दुकान बाहर से लगती है। यहां तक कि थानों में खड़े वाहनों की हालत इससे भी बदतर दिखाई दे रही है। शायद ही कोई वाहन पूरा रह गया हो, ऐसे लगता है वाहनों में स्पेयर पार्ट्स लगे ही न हों। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!