Edited By Vatika,Updated: 19 Mar, 2024 11:23 AM
इसी तरह कोड ऑफ कन्डक्ट खत्म होने तक नए विकास कार्यों के लिए टेंडर लगाने या वर्क ऑर्डर जारी करने की प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी गई है।
लुधियाना (हितेश): लोकसभा चुनाव के लिए कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने के बाद जहां सत्ताधारी पार्टी के नेताओं द्वारा विकास कार्यों के उद्घाटन करने या नीव पत्थर रखने के लिए चलाई जा रही मुहिम को ब्रेक लग गई है वहीं, नए विकास कार्य शुरू करने पर भी लोकसभा चुनाव के नतीजों तक रोक लगा दी गई है। इस संबंध में चुनाव आयोग द्वारा जिला प्रशासन के जरिए नगर निगम, improvement ट्रस्ट, पी डब्ल्यू डी, गलाड़ा व डिवेलपमेंट से संबंधित अन्य विभागों से 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है। इस लिस्ट में उन विकास कार्यों का ब्यौरा दर्ज करना होगा, जो ग्राउंड पर शुरू हो चुके हैं। इसके अलावा वह विकास कार्य, जिनके भले ही वर्क ऑर्डर जारी हो गए हैं लेकिन साइट पर कोई प्रोग्रेस नहीं हुई, उन विकास कार्यों को शुरू करने के लिए लोकसभा चुनाव के नतीजों तक इंतजार करना होगा। इसी तरह कोड ऑफ कन्डक्ट खत्म होने तक नए विकास कार्यों के लिए टेंडर लगाने या वर्क ऑर्डर जारी करने की प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी गई है।
आम आदमी क्लीनिक के अलावा सरकारी विभागों के ऑफिस से भी हटेगी सीएम की फोटो
लोकसभा चुनाव के नतीजों तक पंजाब में सरकारी योजनाओं का प्रचार करने के लिए यूनिपोल पर लगे हुए सीएम की फोटो वाले होर्डिंग हटा दिए गए हैं । इसी तरह आम आदमी क्लीनिक पर लगी सीएम की फोटो पर पर्दा डाल दिया गया है। इसके अलावा सरकारी विभागों के ऑफिस से भी सीएम की फोटो हटेगी, जिसमें मुख्य रूप से पंजाब सरकार के कैलेंडर शामिल हैं।
मंत्रियों, विधायकों, चेयरमैनओ की सरकारी गाड़ियां होंगी वापिस
लोकसभा चुनाव के लिए कोड ऑफ कन्डक्ट लागू होने के बाद सबसे ज्यादा असर मंत्रियों, विधायकों, चेयरमैनओ की वर्किंग पर देखने को मिल रहा है, जिसके तहत वह विकास कार्यों के उद्घाटन करने या नीव पत्थर न रखने के अलावा किसी सरकारी समारोह या मीटिंग में हिस्सा नहीं ले सकते हैं और न ही अधिकारियों को अपने पास बुला सकते हैं। इसके अलावा उक्त मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, चेयरमैनओ को सरकार की तरफ से मिली हुई गाड़ियां भी वापिस करनी होगी। हालांकि सुरक्षा कर्मियों के लिए दी गई गाड़ियां उक्त नेताओं के पास बरकरार रहेंगी लेकिन सियासी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उक्त नेताओं को निजी वाहनों का इस्तेमाल करना होगा।