Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jan, 2018 11:58 AM
डीयर सफारी पार्क में मादा तेंदुआ ‘सलमा’ की मौत का रहस्य बरकरार है, संदिग्ध हालातों में 22 दिसम्बर को मादा तेंदुआ ने आखिरी सांस ली थी अभी भी मौत के कारणों का पता नहीं चल सका।
बठिंडा (आजाद): डीयर सफारी पार्क में मादा तेंदुआ ‘सलमा’ की मौत का रहस्य बरकरार है, संदिग्ध हालातों में 22 दिसम्बर को मादा तेंदुआ ने आखिरी सांस ली थी अभी भी मौत के कारणों का पता नहीं चल सका। वन विभाग कर्मियों के अनुसार बूढ़ी होने के कारण तेंदुए की मौत हुई है जबकि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आना बाकी है। रिपोर्ट के बाद ही सच्चाई का पता चलेगा। मीडिया की सुर्खियां बनी तेंदुए की मौत के लिए किसी भी अधिकारी ने जांच के आदेश जारी नहीं किए केवल एक मात्र पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर ही नजरें टिकी हुई हैं।
नर तेंदुओं को बचाने के लिए जल्द ही मादा तेंदुआ आएगी
मादा तेंदुआ की मौत के बाद 2 बचे नर तेंदुए उदास हैं। वन विभाग अधिकारियों को लग रहा है कि कहीं ‘सलमा’ की वियोग में नर तेंदुआ भी दम न तोड़ दे, इसलिए मादा तेंदुआ को लाना अति जरूरी है। डीयर सफारी में वन विभाग की ओर से पर्यटकों के मनोरंजन के लिए 3 तेंदुए रखे गए थे जिनमें 2 नर व एक मादा तेंदुआ शामिल थे। तेंदुओं की प्रजनन प्रक्रिया बढ़ाने के लिए नर व मादा तेंदुओं को रखा जाना लाजमी है। डी.एफ .ओ. हरभजन सिंह का कहना है कि 22 दिसम्बर को हुई मादा तेंदुए की मौत के बाद नया तेंदुआ लाने पर विचार किया जा रहा है। मौत के कारणों को जानने के लिए सलमा की डैड बॉडी को विसरा लुधियाना वैटर्नरी कालेज में भेजा है लेकिन अभी तक उसकी रिपोर्ट आना बाकी है। इससे पहले मादा तेंदुआ को लाने के लिए दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं। जल्द ही मादा तेंदुआ ‘सलमा’ का स्थान लेगी।
तेंदुओं की खुराक सहारनपुर से आती है
डीयर सफारी में रहने वाले तेंदुए के लिए खुराक सहारनपुर से मंगवाई जाती है। खुराक बीफ फ्र ीज करने के बाद ही बङ्क्षठडा लाया जाता है। उसी बीफ को जू के कर्मचारी तेंदुए को खिलाते हैं। यहां बताना जरूरी है कि तेंदुए को दिए जाने वाले बीफ का सैंपल की जांच होनी जरूरी है ताकि बीफ की क्वालिटी के बारे में जानकारी हासिल हो सके। यहां बताना जरूरी है कि मिनी जू-कम-डीयर सफारी में रैगुलर वैटर्नरी डाक्टर नहीं है, अगर वैर्टनरी डाक्टर की तैनाती वहां पर रैगुलर हो तो जानवरों का समय रहते जांच की जा सकती है। सलमा की मौत के बाद दूसरे तेंदुए का ध्यान स्टाफ की तरफ से अधिक रखा जा रहा है।