क्या है दिल्ली शराब नीति घोटाला, जानें कैसे फंसे मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal?

Edited By Kamini,Updated: 22 Mar, 2024 03:20 PM

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दिल्ली के मुख्यमंत्री और 'आप' सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को कल ईडी ने 2 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। ईडी के अधिकारी लगातार अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की। 'आप' नेता अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली और मोहाली में प्रदर्शन कर रहे है।

पंजाब डेस्क : दिल्ली के मुख्यमंत्री और 'आप' सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को कल ईडी ने 2 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। ईडी के अधिकारी लगातार अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की। 'आप' नेता अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली और मोहाली में प्रदर्शन कर रहे है। गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल को राउस एवेन्यू कोर्ट में जारी है। इस दौरान ईडी ने अरविंद केजरीवाल का 10 दिन का रिमांड मांगा है। पहले कहा जा रहा था कि उनकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। फिलहाल आप कार्यकर्ता कोर्ट के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान भी दिल्ली पहुंच गई हैं। 

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जानिए क्या है शराब पॉलिसी घोटाला

दरअसल, दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को राज्य में नई शराब नीति लागू की थी, जिसके तहत राष्ट्रीय राजधानी में 32 जोन बनाए गए और प्रत्येक जोन में अधिकतम 27 शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दी गई। इस नई शराब नीति के तहत दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को निजी हाथों में सौंप दिया गया। इससे पहले शहर में 60 फीसदी शराब की दुकानें सरकारी और 40 फीसदी निजी थीं।इसके साथ ही आम आदमी पार्टी सरकार ने सभी दुकानों के निजीकरण को लेकर तर्क दिया था कि इससे 3500 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होगी। इस नई आबकारी नीति के तहत राज्य सरकार ने लाइसेंस फीस भी कई गुना बढ़ा दी थी। पहले एल-1 लाइसेंस के लिए 25 लाख रुपए चुकाने पड़ते थे। अब 5 करोड़ रुपए चुकाने पड़ते हैं। इसी तरह अन्य श्रेणियों में भी लाइसेंस फीस के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ी।

राज्य सरकार की इस नई नीति का मुख्य उद्देश्य कालाबाजारी पर अंकुश लगाना, राजस्व बढ़ाना और उपभोक्ता अनुभव में सुधार करना था। इसके तहत शराब की होम डिलीवरी और दुकानों को सुबह 3 बजे तक खुले रखने की भी इजाजत दी गई। शराब की दुकान के मालिक इसमें असीमित छूट भी दे सकते हैं। राज्य सरकार ने कहा कि नई नीति से राजस्व में 27 प्रतिशत की वृद्धि के साथ लगभग 8,900 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। हालांकि, जल्द ही इस नई आबकारी नीति पर सवाल उठने शुरू हो गए। दिल्ली के एक शीर्ष नौकरशाह की रिपोर्ट में दिल्ली सरकार पर बड़े शराब व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए नियम बदलने का आरोप लगाया गया है।

सरकार की नई नीति के बाद 750 मिलीलीटर की बोतल की कीमत 530 रुपए से बढ़कर 560 रुपए कर दी गई। इससे खुदरा कारोबार का मुनाफा सीधे 33.35 रुपए से बढ़कर 363.27 रुपए हो गया। यानी की खुदरा व्यापारियों को सीधे 10 गुना मुनाफा मिलना शुरू हो गया। इसके साथ ही सरकार को मिलने वाला मुनाफा 329.89 रुपए से घटकर 3.78 पैसे रह गया। इसमें 1.88 रुपए एक्साइज ड्यूटी और 1.90 रुपए वैट शामिल है। पहले दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मामले में कथित अनियमितताओं की जांच शुरू की और फिर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके कुछ ही देर बाद दिल्ली के आबकारी मंत्री का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे मनीष सिसौदिया ने आबकारी नीति रद्द करने की घोषणा करते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी शराब कारोबारियों को डराने-धमकाने के लिए अपनी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।

जानिए इस मामले में कैसे फंसे अरविंद केजरीवाल?

ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पहला समन पिछले साल 2 नवंबर को भेजा था। यह समन मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत जारी किया गया था। ईडी द्वारा जारी आरोप पत्र में आरोप लगाया गया कि जब आबकारी नीति 2021-2022 तैयार की जा रही थी तब केजरीवाल आरोपियों के संपर्क में थे। ईडी ने दावा किया है कि इस मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. कविता के अकाउंटेंट बुची बाबू के बयान भी दर्ज किए गए थे। बुच्ची बाबू ने कहा है कि के. कविता, केजरीवाल और मनीष सिसौदिया के रिश्ते पर पहले भी चर्चा हो चुकी है। इतना ही नहीं कविता ने इस सिलसिले में मार्च 2021 में विजय नायर से भी मुलाकात की थी।

इस मामले में गिरफ्तार किए गए दिनेश अरोड़ा ने ईडी को बताया था कि वह केजरीवाल से उनके आवास पर मिले थे। उन्होंने कहा कि वाईएसआर कांग्रेस सांसद मंगता श्रीनिवासलु रेड्डी और केजरीवाल के बीच भी कई बैठकें हुई हैं। इसके बाद ही केजरीवाल ने दिल्ली के शराब कारोबार में रेड्डी की एंट्री का स्वागत किया था। इसके अलावा ईडी ने भी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर दिल्ली शराब घोटाले की जांच शुरू कर दी है। एजेंसी ने दावा किया कि "साउथ ग्रुप" नामक एक शराब लॉबी ने मामले में गिरफ्तार शराब कारोबारी के माध्यम से गोवा चुनाव अभियान के लिए 'आप' को कम से कम 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी। ईडी ने इस मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी कविता के पूर्व अकाउंटेंट को भी गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने यह भी दावा किया कि एक्साइज पॉलिसी से सरकार को 2800 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

मिली जानकारी के मुताबिक, ईडी ने गुरुवार रात मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके घर पर 2 घंटे तक पूछताछ की, लेकिन इस दौरान वह लगातार अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करते नजर आए। कल रात हुई पूछताछ में उन्होंने बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया। सूत्रों के मुताबिक, कल रात के बाद भी अरविंद केजरीवाल पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वे अधिकारियों से कह रहे थे कि उन पर सरासर गलत आरोप लगाया जा रहा है और वे उनके पक्ष में नहीं हैं। इसके अलावा 'आप' नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को उनके परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है।

दिल्ली विधानसभा की आज की बैठक रद्द 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली विधानसभा ने शुक्रवार को होने वाली बैठक रद्द कर दी गई। अब विधानसभा की बैठक 27 मार्च को सुबह 11 बजे होगी। 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक कजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुवार शाम को गिरफ्तार किया गया था। उप सचिव ने कहा कि माननीय सदस्यों को सूचित किया जाता है कि माननीय अध्यक्ष ने आज यानी 22 मार्च 2024 को होने वाली सदन की बैठक को रद्द करने का निर्देश दिया है।

केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका ली वापस 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका वापस ले ली है। केजरीवाल के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच को इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की रिमांड पर निचली अदालत में सुनवाई होगी। ऐसे में हम यहां से याचिका वापस ले रहे हैं यानी सुप्रीम कोर्ट आज अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई नहीं करेगा। इस बात की पुष्टि खुद अभिषेक मनु सिंघवी ने की है।

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